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November 21, 2024 8:54 pm

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पुजारी की निर्मम हत्या के बाद राजनीतिक गलियारों में सन्नाटा क्यों? 

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

भदोही जिले में एक मंदिर के पुजारी की हत्या का मामला सामने आया है, जिसने इलाके में हड़कंप मचा दिया है, लेकिन प्रदेश की राजनीति और विपक्षी दल इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।

यह घटना सुरियावां नगर थाना क्षेत्र में स्थित बावन बीघा तालाब हनुमान मंदिर की है, जहां रविवार रात बदमाशों ने मंदिर के पुजारी सीताराम की गला रेतकर हत्या कर दी। पुजारी का शव सोमवार सुबह मंदिर के एक कोने में पड़ा मिला, जिससे इलाके में आक्रोश फैल गया और लोग विरोध करने लगे। 

इस घटना के बाद डीआईजी मिर्जापुर आरपी सिंह और एसपी मीनाक्षी कात्यायन मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की गई। पुलिस ने अब तक दर्जन भर लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है, पर अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है।

पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि हत्या के समय मंदिर का घंटा और दानपात्र भी गायब था। स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर के आसपास अक्सर शाम के समय नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता था।

उन्होंने पुलिस को कई बार इसकी शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे इलाके के लोग पुलिस की कार्यशैली से नाराज हैं।

यह घटना सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है, लेकिन राज्य की राजनीति और विपक्षी दलों की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

राजनीतिक विश्लेषक इसे एक असामान्य स्थिति मान रहे हैं, क्योंकि इससे पहले सुल्तानपुर में आभूषण कारोबारी डकैती कांड के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर विपक्षी नेताओं ने खूब हंगामा किया था। 

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल उठाए थे।

मंगेश यादव के मामले में जातीय राजनीति को प्रमुखता दी गई थी, लेकिन पुजारी की हत्या के मामले में ऐसी कोई बहस नहीं हो रही है।

लोग सोशल मीडिया पर चर्चा कर रहे हैं कि पुजारी की हत्या का मामला इसलिए तूल नहीं पकड़ रहा है क्योंकि यह एक धार्मिक व्यक्ति की हत्या है, जो राजनीति से परे है।

News Desk
Author: News Desk

Kamlesh Kumar Chaudhary

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