Explore

Search
Close this search box.

Search

November 24, 2024 10:24 pm

लेटेस्ट न्यूज़

कटोरा लेकर न्याय की गुहार ; भ्रष्टाचार के खिलाफ अनोखा प्रदर्शन

44 पाठकों ने अब तक पढा

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक अनोखी घटना ने स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीसलपुर तहसील के नगीपुर अखौला गांव निवासी बादाम सिंह ने अपने साथ एक कटोरा लेकर SDM के पास न्याय की गुहार लगाने का साहसिक कदम उठाया। इस पूरी घटना का मूल कारण लेखपाल के भ्रष्टाचार का एक चौंकाने वाला मामला है, जिसने बादाम सिंह को न केवल परेशान किया, बल्कि उसे न्याय के लिए इस अनोखे तरीके का सहारा लेना पड़ा।

मामला क्या है?

बादाम सिंह ने आय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था, जिससे वह अपनी बेटी की शादी के लिए आवश्यक अनुदान प्राप्त कर सके। लेकिन, तहसील के हल्का लेखपाल ललित ने बादाम सिंह की आय से अधिक का प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इस गलती के कारण बादाम सिंह को अपने परिवार की जरूरतों के लिए आवश्यक आर्थिक सहायता नहीं मिल सकी, जिससे वह अपनी बेटी की शादी को लेकर चिंता में था।

अधिकारियों की अनसुनी

बादाम सिंह ने इस मामले को लेकर कई बार अधिकारियों के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। अधिकारियों की उपेक्षा और लेखपाल के भ्रष्टाचार से तंग आकर, बादाम सिंह ने निर्णय लिया कि अब उसे न्याय पाने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाना पड़ेगा।

SDM ऑफिस का अनोखा प्रदर्शन

इसलिए, बीते सोमवार को बादाम सिंह कटोरा लेकर SDM ऑफिस पहुंचा। वहां उसने न केवल SDM के सामने न्याय की भीख मांगी, बल्कि तहसील परिसर में भी कटोरा लेकर घूमते हुए अपनी समस्या का समाधान करने की कोशिश की। यह दृश्य न केवल उसके संघर्ष को दर्शाता है, बल्कि प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर करता है।

सोशल मीडिया पर वायरल

बादाम सिंह का यह अनोखा प्रदर्शन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उसके कटोरे के साथ SDM के सामने खड़े होने की फोटो ने प्रशासनिक अधिकारियों की नाकामी को उजागर किया। इस तस्वीर ने तहसील के अधिकारियों की फजीहत कर दी, जिसके बाद उनके खिलाफ जनता के बीच सवाल उठने लगे।

कार्रवाई का असर

इस वायरल तस्वीर और मामले की गंभीरता को देखते हुए, डीएम संजय कुमार सिंह ने तुरंत कार्रवाई की। SDM ने आनन-फानन में आरोपी लेखपाल को निलंबित कर दिया और उसकी शिकायत की जांच तहसीलदार को सौंप दी। यह कदम यह दर्शाता है कि जब जनता अपने हक के लिए आवाज उठाती है, तो प्रशासन को भी सक्रिय होना पड़ता है।

इस घटना ने हमें यह याद दिलाया है कि न्याय के लिए लड़ाई कभी-कभी असामान्य तरीके से भी लड़ी जाती है। बादाम सिंह की साहसिकता ने न केवल उसके लिए न्याय की राह खोली, बल्कि यह एक संदेश भी है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा होना आवश्यक है। इस घटना ने यह स्पष्ट किया कि जब लोग अपनी समस्याओं को उठाते हैं, तो प्रशासन को सुनना ही पड़ता है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़