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14 February 2025 12:47 am

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दिन दहाड़े ऐसा हुआ कि पुलिस को बंद करना पड़ा थाने का गेट… 

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अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

पीलीभीत: आमतौर पर पुलिस स्टेशन को एक ऐसी जगह माना जाता है, जहां लोग कभी भी अपनी शिकायत दर्ज कराने आ सकते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में सोमवार को कुछ ऐसा हुआ कि पुलिस को खुद थाने के गेट बंद करने पड़े।

थाने के बाहर भिड़े दो सांड, पुलिस ने बंद किए दरवाजे

घटना पीलीभीत जिले के पूरनपुर कस्बे के पास स्थित घुंघचाई थाना क्षेत्र की है। सोमवार शाम को अचानक थाने के मुख्य गेट के सामने दो सांड आपस में भीषण लड़ाई करने लगे। कुछ ही मिनटों में स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि रोड पर अफरा-तफरी मच गई। वहां मौजूद लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।

थाने के अंदर मौजूद पुलिसकर्मियों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आनन-फानन में थाने के दरवाजे बंद कर दिए, ताकि कोई अनहोनी न हो जाए। लेकिन सांडों की लड़ाई घंटों तक चलती रही, जिससे रोड पर यातायात भी प्रभावित हुआ।

पुलिस ने पानी की बौछार से भगाए सांड

लंबे समय तक चले इस हंगामे को शांत करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार का सहारा लिया। जब सांडों को भगाने के दूसरे तरीके कारगर नहीं हुए, तब पुलिस ने उन पर पानी फेंककर उन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया। कड़ी मशक्कत के बाद सांड वहां से भागे और तब जाकर स्थिति नियंत्रण में आई।

इस दौरान रोड पर चल रहे वाहन चालकों को अपनी जान बचाने के लिए सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़े। कई राहगीर डर के मारे घटनास्थल से दूर चले गए।

पीलीभीत में आवारा पशुओं का आतंक बढ़ा

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में आवारा पशुओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। आवारा पशु किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

सड़कों पर बेसहारा घूम रहे यह पशु लोगों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं। कई बार ये जानवर सड़क हादसों का कारण भी बनते हैं।

बीते दिनों बीसलपुर इलाके में एक आवारा सांड ने एक व्यक्ति को पटक-पटक कर मार डाला था। इस घटना के बाद भी प्रशासन ने इस समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे लोगों में नाराजगी देखी जा रही है।

प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से आवारा पशुओं की समस्या के समाधान की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो ये पशु किसी बड़ी अनहोनी का कारण बन सकते हैं।

अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस समस्या का समाधान कब तक करता है, या फिर लोग इसी तरह भय के साये में जीने को मजबूर रहेंगे।

मुख्य व्यवसाय प्रभारी
Author: मुख्य व्यवसाय प्रभारी

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