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November 22, 2024 12:33 pm

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पहला  राष्ट्रिय  “डॉ. बी आर आंबेडकर सबल्टर्न जर्नलिज्म अवार्ड”  2024 दिल्ली में 

12 पाठकों ने अब तक पढा

सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

भारत का ही नहीं बल्कि दुनिया का पहला डॉ. बी आर आंबेडकर सबल्टर्न जर्नलिज्म अवार्ड नई  दिल्ली भारत में होने जा रहा है , डॉ. बी आर आंबेडकर के नाम से ये दुनिया का पहला पत्रकारिता का अवार्ड है जो नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा 

इस अवार्ड में देश और समाज के उन अनजान  , अनदेखे पत्रकारों , फोटोग्राफर  और ब्लोगर को सम्मानित किया जाएगा जो न तो किसी बड़े अखबार में है न ही किसी बड़े न्यूज़ चैनल में है और न ही किसी बड़े शहर में है बल्कि  ग़ाव , देहात , कस्बो  में न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से अपने ब्लॉग के माध्यम से ही वो बाकी की दुनिया से जुड़े हुए है और  वहाँ  की  सच्ची खबरे देश दुनिया तक पहुचाते है  | इनमे से कुछ बड़ी न्यूज़ एजेंसी से जुड़े हो सकते है लेकिन अधिकतर के पास कोई बड़ा माध्यम नहीं है 

ये ही पत्रकार है जो अपने समाज की खबरों से हमे रूबरू करवाते है , सच्चाईयां हम तक पहुचाते है , चाहे व देश के दूर दराज ईलाको में आदिवासी ग़ाव हो ,  नक्सल प्रभावित , आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र  हो | मणिपुर , दांतेवाडा ,लद्दाख , कश्मीर जैसे एरिया में ये ही पत्रकार होते है जो हम तक सही और सच्ची  खबरे पहुचाते है 

पिछले दो दशको में   देश का  तथाकथित   राष्ट्रवादी मीडिया  ज़रखरीद गुलाम बन कर रह गया है , ये सत्ता के पक्ष में भोंपू  की तरह मूह फाड़े रहता है , सरकार से सवाल करने की बजाय  ये आम जनता को गलत ठहरता है , ये विपक्ष को गलत  ठहराता है , असल में देश और समाज की सच्चाई को छिपाता है सरकार की नाकामी को छिपाता है , कभी कभी ऐसा लगता है है हमारे देश में मीडिया ही देश के लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है जबकि इसका काम है सच को सच और झूट को झूट कहना ,लेकिन ऐसा नहीं है |

ऐसे में वो लोग जो पीड़ित समाज से आते है ,दबे कुचले समाज से आते है , गरीबी के साए से आते है वो मीडिया  के लोग इस देश में सच्चाई और  इमानदारी का  प्रतीक बन गए है , इन लोगो  की बदौलत  ही देश में आज लोकतंत्र बचा हुआ है अन्यथा  पूंजीपतियो  के द्वारा चलाए जाने वाला मीडिया सत्ता के तलवे चाटने के अलावा कुछ नहीं करता  

डॉ. बी आर आंबेडकर के नाम से ये अवार्ड इसलिए भी है क्योकि उन्हें दुनिया में चैंपियन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स कहा जाता है  सिंबल ऑफ़ नॉलेज कहा जाता है , उन्होंने जिस तरह भारत में सदीओ से के दबे कुचले समाज को जो उद्धार किया ऐसा काम पूरी दुनिया में सिर्फ कुछ ही लोगो ने किया है इसलिए ये अवार्ड डॉ. बी आर आंबेडकर को भी एक श्रधांजलि है और उनके नाम से दिए जाने वाला अवार्ड उन पत्रकारों के लिए भी सम्मान होगा 

इस अवार्ड  की स्थापना टाउनहाल टाइम्स  दिल्ली के सम्पादक सुरेंदर कुमार के द्वारा की गई है और इसका मकसद  देश में सच्चाई , और लोकतंत्र की रक्षा के लिए किया गया है इस अवार्ड के जरिये देश ,दुनिया और समाज में एक संदेश दिया जा रहा  है कि न तो हम मरे है और न ही बिके है ,हम देश और लोकतंत्र के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे 

इस अवार्ड में देश के जाने माने  गैर मुख्यधारा के अखबारों , चैनलों , के पत्रकारों को संपादको के द्वारा ही अवार्ड दिया जाएगा और वो ही गणमान्य लोग इस कार्यक्रम की शान होंगे  होंगे इसके अलावा कुछ समाजसेवी संस्थाए भी इसमें उपस्थित रहेंगी 

इस अवार्ड में शामिल होने के लिए उम्मीदवार को https://ambedkarsubalternjournalismaward.in/ पर जा कर अप्लाई  पर क्लिक करना होगा और नियमानुसार फॉर्म भरके एंट्री फी  पे करने के बाद एक हफ्ते में ही उम्मीदवार के पास सूचना आ जाएगी . 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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