परवेज अंसारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में दिवाली के मौके पर जमकर आतिशबाजी हुई, जिसने तमाम नियमों और प्रतिबंधों की अनदेखी करते हुए पूरे शहर को धुएं की मोटी चादर से ढक दिया। इसके कारण वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा तक पहुंच गया है। दिवाली की रात से ही राजधानी की हवा इतनी जहरीली हो गई कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया। सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली सरकार ने पटाखों की बिक्री, खरीद और जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा रखा था, लेकिन इसके बावजूद लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े, जिससे स्थिति और खराब हो गई।
दिवाली के दिन गुरुवार को न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे देश में उत्सव का माहौल था। लोगों ने घरों को सजाया, दीप जलाए, और खुशी में आतिशबाजी की। लेकिन दिल्ली और एनसीआर में यह आतिशबाजी आदेशों को नजरअंदाज कर हुई, जिससे यहां की हवा अत्यधिक प्रदूषित हो गई।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, दिवाली की रात 8 बजे के बाद ही दिल्ली के कई इलाकों जैसे साउथ एवेन्यू, सरोजिनी नगर, नेहरू नगर, पटपड़गंज, जहांगीरपुरी और कस्तूरबा नगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 900 के पार पहुंच गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है।
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पटाखों पर सख्त प्रतिबंध लगाए थे और इसे लागू करने के लिए 377 टीमें तैनात की थीं, लेकिन इसके बावजूद बड़े पैमाने पर आतिशबाजी हुई।
दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में AQI स्तर
वजीरपुर: 603, पूसा: 601,
विवेक विहार: 677, बुराड़ी क्रॉसिंग: 385, जहांगीरपुरी: 377, आरके पुरम: 385, रोहिणी: 374, अशोक विहार: 374, द्वारका सेक्टर 8: 367, आईजीआई एयरपोर्ट: 368, पंजाबी बाग: 383, सिरी फोर्ट: 361, सोनिया विहार: 377
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि दिल्ली की हवा दिवाली की रात के बाद अत्यंत प्रदूषित हो गई है, जिससे यहां निवास करने वालों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।