दिव्यांगों द्वारा 6000 किमी की विश्व की सबसे लंबी संगति यात्रा संपन्न

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परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट

दिल्ली, दिव्यांगजनों के साहस और आत्मविश्वास का परिचय देते हुए विश्व की सबसे लंबी सुगम्य जागरूकता यात्रा को हरी झंडी पद्मश्री डॉ. दीपा मलिक, पैरालंपियन और गोल्ड मेडलिस्ट ने मॉडर्न स्कूल, बाराखंबा रोड, दिल्ली से दिखाई। इस ऐतिहासिक यात्रा का आयोजन संगति फाउंडेशन द्वारा किया गया, जिसके संस्थापक श्री सुधीर धीर और मिस अलका सेलोट अस्थाना हैं।

इस विशेष आयोजन में दिल्ली पुलिस अपराध शाखा प्रमुख देवेश चंद्र श्रीवास्तव, मॉडर्न स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. विजय दत्ता, बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की सदस्य मिस अंबिका पंत, माउंटेन मैन दीपक गुप्ता, और पैरा स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री नरेश सचदेवा सहित अनेक प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं।

यात्रा का उद्देश्य

संगति यात्रा का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ना, उन्हें सशक्त बनाना और उनके अधिकारों, गरिमा, समानता और स्वतंत्रता को बढ़ावा देना था। इस यात्रा ने एक समावेशी समाज के निर्माण की दिशा में मजबूत कदम उठाया।

यात्रा का विवरण

यह 6000 किमी की यात्रा 15 दिसंबर, 2024 को दिल्ली के इंडिया गेट से शुरू हुई और 12 राज्यों के प्रमुख शहरों से होकर 20 दिनों में 3 जनवरी, 2025 को वापस इंडिया गेट, दिल्ली में सफलतापूर्वक संपन्न हुई।

यात्रा का मार्ग सवाई माधोपुर, उज्जैन, मालेगांव, पुणे, सतारा, गोवा, मंगलुरु, त्रिस्सूर, कन्याकुमारी, रामेश्वरम, धनुषकोड़ी (श्रीलंका बॉर्डर), पॉन्डिचेरी, तिरुपति, कर्नूल, हैदराबाद, नागपुर, सागर, झांसी, ग्वालियर, मथुरा, और फरीदाबाद से होते हुए दिल्ली तक रहा।

यात्रा में 6 दिव्यांग राइडर्स शामिल थे:

आमिर सिद्दीकी (विश्व प्रसिद्ध जागरूकता राइडर), सुधीर धीर (संगति फाउंडेशन के ट्रस्टी), पवन कश्यप, सूरज पी, राजू कुमार, तेजपाल यादव

ये सभी प्रतिभागी रेट्रोफिटेड स्कूटी का उपयोग कर इस कठिन यात्रा को पूरा करने में सफल रहे।

संदेश और प्रेरणा

यात्रा के दौरान हर पड़ाव पर दिव्यांगजनों के साथ संवाद किया गया। श्री आमिर सिद्दीकी ने कहा, “यह यात्रा केवल एक साहसिक राइड नहीं थी, बल्कि एक संदेश थी कि दिव्यांगता कमजोरी नहीं बल्कि ताकत बन सकती है। यदि आप कुछ करना चाहते हैं, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।”

संगति फाउंडेशन का योगदान

संगति फाउंडेशन दिव्यांगजनों के अधिकारों और सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। इस यात्रा ने न केवल जागरूकता बढ़ाई बल्कि समाज को दिव्यांगजनों के प्रति अपने दृष्टिकोण को बदलने के लिए प्रेरित किया।

समाप्ति समारोह

3 जनवरी, 2025 को इंडिया गेट पर यात्रा का समापन हुआ, जहां हजारों लोगों ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि को सलाम किया। यह यात्रा न केवल दिव्यांगजनों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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