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सरकारी खाद्यान्न कालाबाजारी करने वाले पर डीएम ने कसा लगाम, इलाके में हो रही है चर्चा

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नौशाद अली की रिपोर्ट

गोंडा में एक फर्म पर खाद्यान्न की कालाबाजारी का आरोप लगने के बाद जिस तरह से कार्रवाई की गई है, वह चर्चा का विषय बन गया है। इस फर्म के खिलाफ 2021 से मामला लंबित था, लेकिन विभागीय कार्रवाई में देरी के चलते फर्म के पार्टनर ने इस समय का फायदा उठाकर विभागीय निविदा के लिए टेंडर भी भर दिया। हालांकि, मामला जिलाधिकारी (डीएम) के संज्ञान में आते ही त्वरित और कठोर कार्रवाई की गई।

गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी में संलिप्त फर्म, मेसर्स लालजी कंस्ट्रक्शन, के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने इस फर्म को तत्काल प्रभाव से काली सूची में डाल दिया है और इसे अगले 5 वर्षों तक खाद्य विभाग का कोई भी काम करने से रोक दिया है। इसके अलावा, फर्म के पार्टनर राजेश यादव को भी अगले 5 वर्षों तक खाद्य विभाग की किसी भी निविदा में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

इस मामले में दिलचस्प बात यह है कि 2021 से चल रहा यह मामला विभागीय स्तर पर कई बार नोटिस देने के बावजूद आगे नहीं बढ़ रहा था। परन्तु जब यह मामला डीएम नेहा शर्मा के पास पहुंचा, तो उन्होंने तुरंत संज्ञान लेते हुए दोषी संस्था और उसके पार्टनर के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की।

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मेसर्स लालजी कंस्ट्रक्शन के खिलाफ मामला तब उजागर हुआ जब 2021 में सरकारी खाद्यान्न की बोरियों को चावल मिल में पलटा जा रहा था। इस मामले में फर्म के प्रोप्राइटर लालजी सिंह, चावल मिल के प्रोपराइटर विशाल सिंह और विपणन निरीक्षक संदीप सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद संस्था का ठेका निलंबित कर दिया गया था।

हाल ही में, 2 जुलाई को संभागीय खाद्य नियंत्रक देवीपाटन संभाग गोंडा ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत सिंगल स्टेज डोर स्टेप डिलीवरी के लिए ई-निविदा आमंत्रित की थी। इसी के तहत मेसर्स लालजी कंस्ट्रक्शन के पार्टनर रहे राजेश यादव ने भी निविदा में भाग लिया। गोरखपुर के सूरज सिंह और परमाल सिंह यादव ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई और राजेश यादव के खिलाफ जांच की मांग की। जांच में राजेश यादव की संलिप्तता सामने आई, जिसके बाद निविदा निरस्त कर दी गई और डीएम ने उनके खिलाफ कार्रवाई की।

डीएम नेहा शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत खाद्यान्न की कालाबाजारी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।

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मेसर्स लालजी कंस्ट्रक्शन और उसके पार्टनर को 5 वर्षों के लिए किसी भी खाद्य विभागीय कार्य से दूर रखने का आदेश दिया गया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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