संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
गोरखपुर में हॉकी टीम की जीत का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। पूर्व ओलंपियन प्रेम माया ने इस जीत को गौरवपूर्ण बताया, लेकिन उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कुछ निर्णय हमारे खिलाफ गए और किस्मत ने भी साथ नहीं दिया, जिससे गोल्ड मेडल जीतने का मौका चूक गया। फिर भी, कांस्य पदक जीतना भी बहुत बड़ी उपलब्धि है, खासकर लगातार दो ओलंपिक खेलों में ऐसा करना।
गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता, जिससे पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। इस जीत ने भारतीय खेल प्रेमियों को काफी उत्साहित किया। पूर्व ओलंपियन और कोचों ने इसे ऐतिहासिक जीत बताया, जिसे सदियों तक याद किया जाएगा।
खिलाड़ी और खेल प्रेमियों ने इस जीत को जोश और जज्बे की जीत करार दिया। अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी रीता मिश्रा ने कहा कि यह जीत अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। उन्होंने भारतीय टीम की क्षमता की सराहना की और कहा कि अगर किस्मत साथ देती, तो टीम गोल्ड भी जीत सकती थी।
रीजनल स्पोर्ट्स के आरएसओ आले हैदर ने भारतीय टीम के शानदार प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि टीम ने साबित कर दिया कि वे किसी भी दुनिया की टीम को हराने में सक्षम हैं। उन्होंने सेमीफाइनल में हार के बावजूद टीम की मेहनत और जज्बे की तारीफ की।
कुश्ती कोच चंद्र विजय सिंह ने भी टीम की मेहनत और हिम्मत की सराहना की, विशेष रूप से पीआर श्रीजेश की तारीफ की जिन्होंने भारत की दीवार बनकर विरोधियों का सामना किया।
रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने इस जीत को लंबे समय तक याद किए जाने योग्य बताया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से भारत हॉकी में मेडल नहीं ला पा रहा था, लेकिन लगातार दो ओलंपिक में कांस्य पदक ने इस सूखे को समाप्त किया है और भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
Author: samachar
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