Explore

Search
Close this search box.

Search

15 January 2025 11:16 am

लेटेस्ट न्यूज़

नागपंचमी ; बुंदेलखंड में है इस दिन अजीब परंपरा, गुड़िया की डंडे से पिटाई… 

41 पाठकों ने अब तक पढा

संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट

हिंदू धर्म में श्रावण मास के शुक्लपक्ष की सप्तमी को नागपंचमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस पावन तिथि को नाग देवता की पूजा के लिए जाना जाता है, लेकिन इसी पर्व पर उत्तर प्रदेश के तमाम क्षेत्रों में गुड़िया का पर्व भी मनाया जाता है। 

नागपंचमी के दिन सर्प पूजन के साथ शाम के समय तमाम जगह पर गुड़िया की डंडे से पिटाई की जाती है। बहनों के द्वारा सजी-सजाई गुड़िया को आखिर भाई लोग डंडे से क्यों पीटते हैं? गुड़िया पीटने की परंपरा के पीछे आखिर क्या वजह है? आइए गुड़िया पर्व से जुड़ी कथा और इस परंपरा के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

गुड़िया की क्यों होती है पिटाई

नागपंचमी के पर्व पर उत्तर प्रदेश के तमाम गांवों, कस्बों और शहरों में हर साल गुड़िया का पर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। 

इस पर्व को मनाने के लिए बहनें कई दिनों पहले से ही अपनी गुड़िया तैयार करना शुरु कर देती हैं। अमूमन तमाम लड़कियां पुराने कपड़े से बनी गुड़िया को तैयार करके उसे चौराहे या तालाब आदि के पास रख आती हैं, जिसे बाद वहां पर एकत्रित उनके भाई और दूसरे बच्चे डंडे से पीटते हैं। 

नाग देवता से जुड़ी है कथा

खूबसूरत से दिखने वाली इस गुड़िया की पिटाई के पीछे एक कथा आती है, जिसके अनुसार एक प्राचीन काल में एक महादेव नाम का लड़का नाग देवता का अनन्य भक्त था। जो प्रतिदिन किसी शिवालय में जाकर भगवान शिव के साथ नाग देवता की विशेष रूप से पूजा किया करता था। 

मान्यता है कि उसकी इस श्रद्धा और भक्ति से प्रसन्न होकर नाग देवता उसे प्रतिदिन दर्शन दिया करते थे। मान्यता है कि कई बार मंदिर में पूजा के दौरान नाग उस शिवभक्त के पैरों पर लिपट जाया करते थे, लेकिन नाग देवता की कृपा से उसे कभी कुछ भी नुकसान नहीं पहुंचाते थे। 

तब बहन ने नाग को मार डाला

मान्यता है कि एक दिन जब महादेव शिवालय में नाग देवता की पूजा में ध्यान मग्न था था तो हमेशा की तरह एक नाग उसके पैरों में आकर लिपट गया। उसी समय उसकी बहन वहां पर पहुंच गई। नाग को अपने भाई के पैरों में लिपटा देखकर वह डर गई। जब उसे इस बात का भय हुआ कि वह नाग उसके भाई को काट सकता है तो उसने एक डंडा उठाकर उस नाग को पीट-पीट कर मार डाला। इसके बाद जब महादेव का ध्यान टूटा तो उसने अपने सामने नाग को मरा पाया। 

नाग पंचमी पर इसलिए पीटते हैं गुड़िया

बहन के द्वारा नाग के मारे जाने से भाई को बहुत गुस्सा आया और जब उसने इसका कारण अपनी बहन से पूछा तो बहन से सच्चाई बता दी। इस पर महादेव ने अपने बहन से कहा कि तुमने नाग देवता को मारा है लेकिन इसका दंड तुम्हें जरूर मिलेगा। 

चूंकि बहन ने अनजाने में नाग को मारा था इसलिए उस दिन प्रतीकात्मक सजा के तौर पर कपड़े से बनी गुड़िया को पीटा गया। तब से लेकर आज तक नाग पंचमी के दिन गुड़िया को पीटने की परंपरा चली आ रही है। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़