मोहन द्विवेदी की खास रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश की राजनीति हाल के दिनों में विशेष रूप से चर्चा में रही है, और इसकी वजह है राज्य में सियासी उठापटक और पार्टी के भीतर हो रहे बदलाव। इस संदर्भ में, यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने हाल ही में बयान दिया, जिसमें उन्होंने पार्टी के आंतरिक मुद्दों और आगामी योजनाओं पर प्रकाश डाला।
भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक लोकतांत्रिक दल है जहां सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। उन्होंने स्वीकार किया कि लोकसभा चुनाव के परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे, लेकिन पार्टी उन कमियों को सुधारने में लगी हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री पद के बदलने की चर्चाओं को नकारते हुए स्पष्ट किया कि यह चर्चा पूरी तरह से गलत है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में वर्तमान में बहुत हलचल मची हुई है। विभिन्न नेताओं के बयान, बैठकें, और उपचुनाव की तैयारियों ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। भूपेंद्र चौधरी ने जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी उपचुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है और उन्हें विश्वास है कि जनता पार्टी को समर्थन देगी।
नेमप्लेट विवाद पर भूपेंद्र चौधरी ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत नाम लिखने का अधिकार है, और सुरक्षा के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए इसे लागू किया गया है। यूपी सरकार ने इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दाखिल किया है।
लोकसभा चुनाव के निराशाजनक परिणामों के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं, लेकिन कई वरिष्ठ नेताओं ने इन बैठकों से दूरी बना ली है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और भूपेंद्र चौधरी खुद भी कुछ बैठकें छोड़ चुके हैं। कुछ जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से अलग से मुलाकात की है और अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें भी दर्ज की हैं।
अफसरशाही की समस्या भी प्रमुख चिंता का विषय है। बीजेपी के कई नेता और विधायक मानते हैं कि अफसरशाही का दबाव बढ़ता जा रहा है, जिससे कार्यकर्ताओं की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा। इस वजह से मुख्यमंत्री ने विधायकों के साथ बैठकें बुलाई हैं, जिसमें विकास कार्यों पर चर्चा की जा रही है और अफसरशाही के खिलाफ शिकायतों को सुना जा रहा है।
Author: samachar
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