नौशाद अली की रिपोर्ट
महाराजगंज के नौतनवा विकासखंड में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पर कुछ अविवाहित और विधुर लोगों को पेंशन के नाम पर गुमराह करके नसबंदी कर दी गई है। जिन अविवाहित लोगों की नसबंदी की गई है, वे मानसिक रूप से भी कमजोर हैं।
इस घटना के बाद उनके परिजनों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। मामले का खुलासा होने के बाद अधिकारियों ने अब इसकी जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
घटना कैथवलिया और बरगदही गांव के चार व्यक्तियों से संबंधित है। दो दिन पहले, गांव की आशा कार्यकर्ता ने इन लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण और पेंशन योजना के नाम पर आमंत्रित किया। इसके बाद, इन चारों को रतनपुर सीएचसी और फिर बनकटी सीएचसी ले जाकर उनकी नसबंदी कर दी गई। नसबंदी की प्रक्रिया के बारे में उन्हें या उनके परिवार को कोई जानकारी नहीं दी गई थी।
जब ये लोग अपने घर लौटे और उनके परिवार वालों ने जांच की, तो पता चला कि उनकी नसबंदी कर दी गई है। इस पर परिवार वालों ने स्वास्थ्य कर्मियों से सवाल किए, लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। नसबंदी के बाद ये लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। परिवार वालों की मांग है कि इस मामले की पूरी जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए, डीएम अनुनय झा ने सीएमओ के माध्यम से एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है।
इस समिति में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वी.वी. सिंह और एमओआईसी लक्ष्मीपुर डॉ. विपिन कुमार शुक्ला शामिल हैं। इस समिति को तीन दिनों के भीतर शिकायतकर्ताओं के आरोपों की विस्तृत जांच करने और स्पष्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।