अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक बड़ी राजनीतिक हलचल मच गई है। निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद ने आत्महत्या कर ली, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव और आक्रोश का माहौल बन गया है। धर्मात्मा निषाद, जो निषाद समाज के लिए हमेशा संघर्षरत रहे, ने आत्महत्या से पहले एक फेसबुक पोस्ट लिखी थी। इस पोस्ट में उन्होंने निषाद पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद और उनके दोनों बेटों—प्रवीण निषाद और श्रवण निषाद—पर गंभीर आरोप लगाए थे।
धर्मात्मा निषाद की इस दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बाद निषाद समाज में गुस्से की लहर दौड़ गई। उनके घर के बाहर निषाद समाज के लोग धरने पर बैठ गए और मांग करने लगे कि संजय निषाद समेत सभी आरोपियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
भाई ने दी आत्महत्या की चेतावनी, प्रशासन पर दबाव
धर्मात्मा निषाद के भाई परमात्मा निषाद ने सरकार और पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि उनके भाई को न्याय नहीं मिला तो वह भी आत्महत्या कर लेंगे। उन्होंने कहा, “मेरा भाई निषाद समाज के हक की लड़ाई लड़ता था। उसने अपनी जमीन और गाड़ी तक बेचकर समाज के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। लेकिन संजय निषाद और उनके बेटों को यह पसंद नहीं आया। उन्होंने कई बार धर्मात्मा पर झूठे मुकदमे दर्ज करवाए और उन्हें जेल तक भिजवा दिया।”
परमात्मा ने आगे कहा कि जब तक उनके भाई को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक वह इस लड़ाई को जारी रखेंगे। निषाद समाज के अन्य लोग भी इस मामले में एकजुट हो गए हैं और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
सियासत ने छीन लिया बेटी से उसका पिता
यह घटना महराजगंज जिले के पनियरा थाना क्षेत्र में हुई। धर्मात्मा निषाद की शादी हो चुकी थी और उनकी एक छोटी बेटी भी है। रविवार सुबह उन्होंने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद परिजनों और निषाद समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
हालांकि, पुलिस प्रशासन ने किसी तरह लोगों को समझाया और शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए परिजनों को राजी कर लिया। इसके बावजूद, गांव में अभी भी तनाव बना हुआ है और निषाद समाज के लोग लगातार संजय निषाद और उनके बेटों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पोस्टमार्टम के बाद होगी एफआईआर, निषाद समाज ने की न्याय की मांग
धर्मात्मा निषाद के चचेरे भाई अजय निषाद ने बताया कि उनका भाई निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव थे और लंबे समय से समाज के लिए संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संजय निषाद, उनके बेटे प्रवीण और श्रवण निषाद, और जय प्रकाश निषाद ने उनके भाई को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
अजय ने कहा, “इन सभी लोगों ने मिलकर मेरे भाई को इतना टॉर्चर किया कि वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गया। उसने अपनी पीड़ा फेसबुक पर लिखकर दुनिया को बताई और फिर अपनी जान दे दी। अब हम चाहते हैं कि इन चारों के खिलाफ केस दर्ज हो और उन्हें जेल भेजा जाए।”
इस मामले में पुलिस ने परिजनों और प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया है कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी। लेकिन निषाद समाज के लोग इससे संतुष्ट नहीं हैं और उनका कहना है कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे विरोध जारी रखेंगे।
मामले ने पकड़ा सियासी तूल
धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या का मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। महराजगंज से लेकर लखनऊ तक इस घटना की गूंज सुनाई दे रही है। विपक्षी दल भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोल रहे हैं और निषाद समाज के नेता संजय निषाद को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
यह देखना बाकी है कि पुलिस प्रशासन निषाद समाज की मांगों पर क्या कार्रवाई करता है और संजय निषाद व उनके बेटों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सत्ता और राजनीति के दबाव में आम कार्यकर्ता और समाज के लिए लड़ने वाले लोग कब तक पीड़ित होते रहेंगे?
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की