दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
लखनऊ में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि प्रदेश में मछुआ समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन सरकार द्वारा कई जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
डॉ. संजय निषाद ने बताया कि इन योजनाओं का उद्देश्य मछुआ समाज को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है, जिससे उन्हें प्रदेश में सीधे तौर पर लाभ मिल सके। इन योजनाओं में प्रमुख हैं:
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
यह योजना मछुआरों के लिए विभिन्न सुविधाओं और संसाधनों को प्रदान करती है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके और उनके जीवन स्तर में सुधार हो।
प्रधानमंत्री मछुआ दुर्घटना बीमा योजना
इस योजना के तहत मछुआरों को दुर्घटना के मामले में बीमा कवर प्रदान किया जाता है, जिससे उनके परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
किसान क्रेडिट कार्ड (मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए)
इस योजना के माध्यम से मछुआरों को किफायती दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिससे वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें।
मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना
यह योजना प्रदेश स्तर पर मछुआरों के विकास और उनके लाभ के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करती है।
मत्स्य पालक कल्याण कोष
इस कोष का उद्देश्य मछुआरों की आर्थिक स्थिति को सुधारना और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करना है।
निषाद राज बोट योजना
इस योजना के तहत मछुआरों को बोट्स प्रदान की जाती हैं, जिससे वे अपने कार्य को अधिक प्रभावी ढंग से कर सकें।
डॉ. संजय कुमार निषाद ने यह जानकारी अपने आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में दी, जिसमें उन्होंने प्रदेश में मछुआ समाज के विकास और कल्याण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से मछुआ समाज को मुख्यधारा में लाने और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास किया जा रहा है।
डॉ. संजय निषाद ने राहुल गांधी के लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने पर गंभीर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि यह बहुत जिम्मेदार पद होता है और अगर कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी को यह पद सौंपा है, तो उन्हें इसका सम्मान करना चाहिए। डॉ. निषाद ने चिंता व्यक्त की कि राहुल गांधी अपनी बचकानी हरकतों से इस पद को भी हास्यास्पद बना सकते हैं।
उन्होंने संसद में “जय निषाद राज” के नारे के गूंजने को अपने जीवन का सबसे गौरवमय क्षण बताया। डॉ. निषाद ने कहा कि यह नारा उनके और निषाद पार्टी के प्रयासों से पूरे देश में प्रचारित हुआ और आज यह नारा विपक्ष के सांसद और समकक्ष सांसद सदन में लगा रहे हैं, जो उनके लिए अत्यंत गर्व की बात है।
समाजवादी पार्टी के जीते निषाद सांसदों को सलाह देते हुए डॉ. संजय निषाद ने मछुआ आरक्षण के विषय पर आवाज उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष के सभी निषाद सांसदों को सदन में आरक्षण के विषय पर अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए। विशेषकर समाजवादी पार्टी के जीते हुए निषाद सांसदों से उन्होंने आग्रह किया कि वे निषाद समाज की आवाज उठाएं और केंद्र सरकार से आरक्षण की मांग करें। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें समाज के बीच जाकर मछुआ एससी आरक्षण के मुद्दे पर घड़ियाली आंसू नहीं बहाने चाहिए।
लोकसभा स्पीकर के चुनाव पर डॉ. संजय निषाद ने एनडीए प्रत्याशी की विजय पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में पिछले पांच साल सदन सुचारू रूप से चला है और अब वे फिर से इतिहास रचने जा रहे हैं। उन्होंने उनके सफल कार्यकाल की कामना की। डॉ. निषाद ने कहा कि जब एनडीए के पक्ष में संख्या बल है, तभी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार बनी है। विपक्ष के बारे में उन्होंने कहा कि संविधान की किताब लेकर सदन में आना और स्पीकर के चयन को लेकर विवाद करना संविधान का मजाक बनाने के समान है। स्पीकर किसी पक्ष या विपक्ष का नहीं होता, वह सदन का होता है और निष्पक्ष होता है। विपक्ष को स्पीकर के मामले में सत्ता पक्ष का साथ देना चाहिए था, लेकिन विपक्ष संविधान की मूल भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा है और नित्य नए काम करता रहता है।
इस प्रकार, डॉ. संजय निषाद ने राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के निषाद सांसदों और विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए अपनी बात रखी और मछुआ समाज के अधिकारों और संविधान के प्रति अपने विचार स्पष्ट किए।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."