चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में भारत-नेपाल सीमा पर हाल ही में चाइनीज लहसुन की तस्करी का एक मामला सामने आया, जिसमें 1400 क्विंटल चाइनीज लहसुन को कस्टम विभाग ने नष्ट कर दिया।
यह लहसुन नेपाल से तस्करी करके भारत में लाया गया था और स्वास्थ्य जांच में बेहद हानिकारक पाया गया था।
इसका उत्पादन प्राकृतिक रूप से नहीं किया जाता, बल्कि इसे कृत्रिम विधियों से उगाया जाता है, जो इसे सेहत के लिए खतरनाक बनाता है।
जांच के दौरान इस लहसुन में खतरनाक फंगस पाए गए, जिससे इसे लैब टेस्ट में फेल घोषित कर दिया गया। इसके बाद कस्टम अधिकारियों ने इसे मिट्टी में दबाकर नष्ट करने का फैसला किया।
हालांकि, अधिकारियों के जाते ही स्थानीय ग्रामीणों ने उस जगह से लहसुन निकालना शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग वहां पहुंचे और मिट्टी खोदकर चाइनीज लहसुन को बोरे भर-भर कर ले जाने लगे।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें लोग लहसुन को मिट्टी से निकालते हुए देखे जा सकते हैं।
चाइनीज लहसुन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस लहसुन में मौजूद फंगस से गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं।
यह लहसुन पेट की समस्याओं, गैस्ट्राइटिस और सूजन जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। बावजूद इसके, ग्रामीण इसे खेतों में बुआई के लिए ले जा रहे हैं, क्योंकि बाजार में लहसुन की कीमतें अधिक हैं।
इस घटना के बाद यह सवाल उठने लगा है कि जब चाइनीज लहसुन इतना खतरनाक है, तो इसे सिर्फ मिट्टी में दबाकर क्यों नष्ट किया गया? इसे पूरी तरह से जलाकर नष्ट क्यों नहीं किया गया ताकि इसका दुरुपयोग न हो सके?
Author: samachar
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