ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें कांवड़ यात्रा के दौरान रूट पर ठेलों, दुकानदारों और होटल-ढाबों के मालिकों और उनके कर्मचारियों के नाम दर्ज करने की व्यवस्था की गई थी।
इस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और रोक लगा दी। इस आदेश के विरोध में न केवल विपक्षी पार्टियां थीं, बल्कि सहयोगी पार्टियों ने भी असंतोष व्यक्त किया था।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।
उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए हमेशा बहाने बनाती है, जैसे कि बारिश से न बच पाने का दोष भी वे सरकार पर डाल रहे हैं। यह टिप्पणी उन्होंने दिल्ली में बारिश के दौरान संसद भवन के रास्ते में की।
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा से संबंधित आदेशों पर भी भाजपा पर कटाक्ष किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा का राजनीतिक दीपक अब बुझने के कगार पर है, जो हाल के फैसलों और आदेशों से झलकता है। उन्होंने केंद्र सरकार और भाजपा पर आरोप लगाया कि वे सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा देने के लिए सरकारी कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति दे रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि जैसे दीपक बुझने से पहले फड़फड़ाता है, भाजपा भी अब अपने अंत की ओर बढ़ रही है, और इस कारण से वे ऐसे आदेश जारी कर रहे हैं। उन्होंने संकेत दिया कि भविष्य में केंद्र और भाजपा शासित राज्यों द्वारा इसी तरह के और फैसले किए जा सकते हैं।
Author: samachar
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