ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
कन्नौज के सौरिख कस्बे में हुए एक हृदयविदारक हत्याकांड में अदालत ने कठोर फैसला सुनाया है। स्कूल प्रबंधक इंद्रपाल की हत्या के मामले में उनकी पत्नी सीमा पाल समेत चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इस हत्याकांड में शामिल रहे ड्राइवर प्रेमी अशोक कुमार, उसके भाई राजेश कुमार और सीमा के सगे भाई मनोज कुमार को भी दोषी करार दिया गया है। अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर 40-40 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
हत्या का दिल दहला देने वाला मामला
सौरिख कस्बे के नगरिया तालपार निवासी इंद्रपाल क्षेत्र के एक जूनियर हाईस्कूल के प्रबंधक थे। उनकी पत्नी सीमा पाल परिषदीय विद्यालय में शिक्षिका थीं। 26 नवंबर 2020 को इंद्रपाल का शव उनके घर में खून से लथपथ मिला था। इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। इंद्रपाल के पिता श्रीकृष्ण ने हत्या का आरोप लगाते हुए बहू सीमा पाल, उसके भाई मनोज कुमार, अशोक पाल और राजेश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
अवैध संबंध बने हत्या की वजह
जांच में यह बात सामने आई कि सीमा पाल के ड्राइवर अशोक कुमार से अवैध संबंध थे। अशोक कुमार पहले से ही आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति था और उसके खिलाफ दिल्ली में हत्या के मामले दर्ज थे। कोरोना काल में वह तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आया था। सीमा ने उसे अपने प्रेम संबंधों को जारी रखने के लिए घर में ड्राइवर के रूप में रख लिया था।
पिटाई के बाद पेट में कांच घोपकर की हत्या
घटना वाले दिन जब इंद्रपाल ने सीमा और अशोक को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया, तो सीमा ने अपने भाई मनोज, प्रेमी अशोक और उसके भाई राजेश को बुलाकर पति की पिटाई करवाई। इसके बाद निर्दयता से पेट में कांच का टुकड़ा घोंपकर उनकी हत्या कर दी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इंद्रपाल के शरीर पर 10 घाव और चोट के निशान पाए गए, जिससे हत्या की क्रूरता स्पष्ट हो गई।
अदालत का कठोर फैसला
शनिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूर्णिमा पाठक ने इस मामले में सख्त निर्णय लेते हुए सभी अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। शासकीय अधिवक्ता नवीन कुमार दुबे ने बताया कि हत्या की पूरी साजिश में सीमा पाल की संलिप्तता के स्पष्ट प्रमाण मिले थे। इंद्रपाल के संघर्ष के निशान सीमा के चेहरे पर नाखूनों के रूप में मिले थे, जिससे साफ हो गया था कि वह भी हत्या में शामिल थी।
शिक्षा विभाग से बर्खास्तगी
हत्या में शामिल होने के कारण शिक्षा विभाग ने सीमा पाल को पहले ही बर्खास्त कर दिया था।
इंद्रपाल की शिष्या थी सीमा पाल
यह भी सामने आया कि सीमा पाल आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से थी और इंद्रपाल के विद्यालय में ही पढ़ती थी। पढ़ाई में अच्छी होने के कारण इंद्रपाल ने उसकी पढ़ाई का खर्च उठाया और उसे अपने मकान में रहने की अनुमति दी। समय के साथ दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं, जिसके चलते इंद्रपाल की पहली पत्नी ने उन्हें छोड़ दिया। 2015 में सीमा की नौकरी परिषदीय विद्यालय में लग गई, जिसके बाद उसने इंद्रपाल से विवाह कर लिया। उनके तीन बेटियां—रक्षा, दीक्षा और दिशा हैं।
न्यायिक फैसले से क्षेत्र में संतोष
इस फैसले के बाद क्षेत्र के लोगों में संतोष है कि न्याय व्यवस्था ने इस निर्मम हत्याकांड पर सख्त रुख अपनाया। अदालत के इस फैसले से संदेश गया है कि ऐसे अपराधों को अंजाम देने वालों को सजा जरूर मिलेगी।
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