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21 January 2025 12:55 pm

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पति बंटवारे का अनोखा फैसला, दोनों पत्नियों को तीन-तीन दिन और एक दिन माता-पिता के नाम

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के ठाकुरद्वारा में एक अनोखा मामला सामने आया है, जो हर किसी को चौंका रहा है। नारी उत्थान केंद्र में पति और उसकी दो पत्नियों के बीच विवाद का एक अनोखा समाधान निकाला गया है। इस फैसले के अनुसार, पति को सप्ताह के तीन-तीन दिन दोनों पत्नियों के साथ बिताने का निर्णय लिया गया है। बचा हुआ एक दिन वह अपने माता-पिता के साथ रहेगा। इस समझौते से दोनों पत्नियां बेहद संतुष्ट हैं और इस समझौते के बाद खुशी-खुशी अपने-अपने घर चली गईं।

शिकायत से शुरू हुआ मामला

यह मामला तब शुरू हुआ जब दूसरी पत्नी ने मुरादाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि उसका निकाह ग्रेटर नोएडा के जेवर थाना क्षेत्र निवासी सलीम के साथ हुआ था। निकाह के बाद सलीम उसे अपने ससुराल नहीं ले गया और किराए के मकान पर ही रखा। पत्नी ने जब ससुराल जाने की जिद की, तो सलीम ने साफ मना कर दिया।

कुछ समय बाद सलीम अचानक गायब हो गया। परेशान पत्नी ने ससुराल का पता लगाकर वहां पहुंची, तो सच्चाई सामने आई। उसे पता चला कि सलीम पहले से ही शादीशुदा है और पहली पत्नी के साथ रह रहा है। पहली पत्नी से सलीम के तीन बच्चे भी हैं। यह जानकर दूसरी पत्नी ने मुरादाबाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

काउंसलिंग के बाद हुआ समझौता

शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने नारी उत्थान केंद्र में काउंसलिंग शुरू कराई। यहां दोनों पत्नियों और पति को बुलाया गया। पूछताछ के दौरान यह पता चला कि सलीम ने अपनी मर्जी से दूसरी शादी की थी। उसने बताया कि मुरादाबाद की एक युवती से अनजान नंबर पर बातचीत के बाद प्यार हुआ और दोनों ने शादी कर ली।

काउंसलिंग के दौरान दोनों पत्नियों ने अपनी शर्तें रखीं। पहली पत्नी ने पति के दूसरी शादी पर कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन यह शर्त रखी कि दोनों को समान अधिकार और समय दिया जाए। दूसरी पत्नी ने भी यही मांग की।

फैसला: पति का समय दोनों पत्नियों के लिए बांटा गया

काउंसलिंग के बाद यह फैसला हुआ कि सलीम सप्ताह के तीन दिन पहली पत्नी के साथ रहेगा, तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ, और बचा हुआ एक दिन अपने माता-पिता के साथ बिताएगा। साथ ही, पति को दोनों पत्नियों का समान रूप से खर्च उठाना होगा और दोनों का बराबर ख्याल रखना होगा।

सभी पक्ष संतुष्ट

इस समझौते के बाद दोनों पत्नियां और पति संतुष्ट नजर आए। सभी ने इस पर सहमति जताई और समझौते के तहत अपनी-अपनी जिंदगी में वापस लौट गए।

सामाजिक संदेश

यह मामला शादी और परिवार से जुड़े विवादों के समाधान में काउंसलिंग की अहमियत को दर्शाता है। नारी उत्थान केंद्र के प्रयासों ने इस जटिल विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने में मदद की।

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