चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
छिबरामऊ, नगर के सरकारी महिला अस्पताल में एक अजीबोगरीब घटना ने सबको चौंका दिया जब देर रात एक 11 वर्षीय बालिका को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया।
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की शाम लगभग 9 बजे बालिका की मां उसे अस्पताल लेकर आई। अस्पताल में भर्ती होने के एक घंटे के भीतर, रात 10 बजकर 5 मिनट पर बालिका ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने सफलतापूर्वक डिलीवरी कराई, और डॉक्टरों के मुताबिक, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
यह घटना शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है, खासकर इस तथ्य के कारण कि बालिका अविवाहित होने के बावजूद मां बनी है। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर जिज्ञासा और अचरज है।
मामले का संदर्भ
यह पूरा मामला कांशीराम कॉलोनी के रहने वाले रवि यादव से जुड़ा है, जिसने 8 अक्टूबर 2024 को दोपहर लगभग 2 बजे अपनी मां रजनी और एक दोस्त के सहयोग से इस 11 वर्षीय बालिका को बहला-फुसलाकर भगा ले गया।
जब बालिका की मां को इस बात का पता चला, तो उसने रवि की मां से संपर्क करने की कोशिश की। इस दौरान उसे गाली-गलौज का सामना करना पड़ा और आरोप है कि रवि के परिवार ने जान से मारने की धमकी भी दी थी।
बालिका की मां की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और चार दिन बाद दोनों को बरामद कर लिया। पुलिस ने आरोपी रवि यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि बालिका को 19 अक्टूबर को बाल कल्याण समिति कन्नौज में उसकी मां को सुपुर्द कर दिया गया।
कोतवाली के अतिरिक्त इंस्पेक्टर चंद्र प्रकाश तिवारी ने बताया कि यह मामला अब कोर्ट में है, और पुलिस का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है।
यह मामला सामाजिक और कानूनी दोनों ही दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील है और यह बाल विवाह, नाबालिग मातृत्व और बच्चों के अधिकारों पर विचार करने की आवश्यकता को उजागर करता है।
इस घटना ने एक बार फिर से समाज में उन मुद्दों को उठाया है जिनका सामना नाबालिगों को करना पड़ता है, और यह दर्शाता है कि कैसे परिवार और समाज के कुछ सदस्य बच्चों की सुरक्षा के बजाय उनके जीवन को संकट में डाल सकते हैं। प्रदर्शित चित्र सांकेतिक मात्र है। ☝
Author: samachar
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