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November 23, 2024 1:48 am

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सियासत के पहलवान बृजभूषण, मुख्यमंत्री योगी से क्यों खिंचे खिंचे रहने लगे… कहीं कुछ हुआ तो नहीं?

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

गोंडा: उत्तर प्रदेश की कैसरगंज (Kaiserganj) सीट पर बीते कई दिनों से लोकसभा टिकट को लेकर मचा संग्राम थम चुका है। नामांकन के आखिरी समय में बीजेपी ने वर्तमान सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) के बेटे करन भूषण को प्रत्याशी बना दिया है। 

अब बृजभूषण ने इशारों में ही उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से दूरी बरतने की बात कह दी है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को तो अपना नेता स्वीकार किया लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के सवाल पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

बृजभूषण सिंह ने पीएम मोदी से बात होने के सवाल पर कहा- देखिए पिछले एक साल के दौरान मेरी बात नहीं हुई। ना तो मैंने बात करने की कोशिश की और ना ही उन्होंने मुझे फोन किया। हां, मोदीजी हमारे नेता हैं। 

इसके बाद यह पूछे जाने पर कि क्या योगीजी भी आपके नेता हैं? उन्होंने जवाब दिया- सिर्फ मोदी जी हमारे नेता हैं। अब बाकी जो सोचना है, सोच लीजिए। मुझे विवाद में मत फंसाइए। 

भाग्य से सीएम बन गए योगी’

इसी इंटरव्यू के दौरान बृजभूषण ने योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के सवाल पर कहा, ‘उनका भाग्य था, इसलिए सीएम बन गए।’ 

प्रदेश में ठाकुर पॉलिटिक्स के सवाल पर बृजभूषण ने कहा- ना मैं ठाकुर नेता हूं और ना योगीजी ठाकुर नेता हैं। वह संत हैं। हम सबको साथ लेकर चलते हैं। भले विचारधारा अलग हो। हिंदु, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबको साथ लेकर चलते हैं। हम वोट की नजर से नहीं देखते हैं। आज भी सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग मिलकर गए हैं।

पहले भी योगी पर साधा निशाना

इससे पहले भी कई मौकों पर बृजभूषण निशाना साध चुका है। यूपी में छुट्टा जानवरों की समस्या को लेकर बृजभूषण सिंह योगी सरकार को ही घेरते हुए नजर आए।

 उन्होंने कहा कि हमने सलाह दी थी। हमारी सलाह को नहीं माना और आज उसका समाधान रोड पर हो रहा है। ज्यादा बोलेंगे तो गड़बड़ हो जाएगा बोलिए भारत माता की जय। हमने समाधान बताया, हमारा समाधान उनको नहीं पसंद आया।

बुलडोजर और छुट्टा जानवर नीति का विरोध

बृजभूषण इससे पहले बुलडोजर नीति का भी कड़ा विरोध कर चुके हैं। पिछले साल गोंडा में अवैध अतिक्रमण पर हुई कार्रवाई के बाद बृज भूषण ने कहा था कि इस नीति के तहत किसी के भी मकान को अवैध निर्माण बता कर गिरा दिया जाता है, वह गलत नीति है। 

बुलडोजर नीति के आगे आखिर न्याय प्रणाली का क्या महत्व रह जाता है? तर्क दिया जाता है कि वह मकान या भवन सरकारी जमीन, नजूल या फिर ग्राम सभा की जमीन पर बना हुआ है। लेकिन सवाल है कि पहले इसे क्यों नहीं रोका जाता?

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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