अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
बिहार में कई दिनों से जारी सियासी ड्रामे का पटाक्षेप हो गया है। यहां नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मार कर जेडीयू, राजद, कांग्रेस-लेफ्ट के जोड़ से बना महागठबंधन तोड़ दिया है। इसी के साथ आईसीयू में सिसकियां भर रही बिहार सरकार रविवार सुबह अंतिम सांस ले लेगी।
लालू प्रसाद यादव, मल्लिकार्जुन खडग़े समेत कई बड़े नेताओं ने नीतीश कुमार को मनाने के भरसक प्रयास किए, पर कल तक जिस भाजपा को वह अछूत कह रहे थे, अब उसी की चाल में फंस गए। पटना में कई राजनीतिक घटनाएं हो रही हैं।
सूत्रों ने दावा किया है कि नीतीश कुमार रविवार सुबह सरकार का इस्तीफा सौंप कर भाजपा के साथ नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। हालांकि देर सायं होने वाली जेडीयू की चाय पार्टी विधायकों के न पहुंचने से टल गई है। अब सुबह दस बजे जेडीयू विधायक दल की बैठक बुलाई गई है।
हालांकि भाजपा ने शनिवार सायं ही बिहार भाजपा के सभी विधायकों और सांसदों के साथ बदलते राजनीतिक घटनाक्रम पर बैठक की। ऐसी अटकलें हैं कि जेडीयू ने बिहार कांग्रेस में सेंधमारी कर दी है और 19 में से 14 विधायक नीतीश के संपर्क में हैं। इसी बीच लालू प्रसाद यादव और उनके डिप्टी सीएम बेटे तेजस्वी ने भी किसी बड़े उल्टफेर का दावा किया है।
उनका कहना है कि सब कुछ नीतीश की अपेक्षानुरूप नहीं होगा। इसी बीच बिहार में चल रहे सियासी घमासान के बीच लालू यादव ने आरजेडी के विधायकों को अगले तीन दिनों तक पटना में रहने के निर्देश दिए हैं। वहीं बिहार के पटना में राजद की बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री और पार्टी नेता तेजस्वी यादव ने पार्टी नेताओं से कहा कि सीएम नीतीश कुमार आदरणीय थे और हैं। कई चीजें उनके (नीतीश कुमार) नियंत्रण में नहीं हैं।
‘महागठबंधन’ में राजद के सहयोगी दलों ने हमेशा मुख्यमंत्री का सम्मान किया। जो काम दो दशकों में नहीं हुआ, वह हमने कम समय में कर दिखाया, चाहे वह नौकरी हो, जाति जनगणना हो, आरक्षण बढ़ाना आदि हो। उन्होंने साफ कहा कि बिहार में अभी खेल होना बाकी है।
तेजस्वी के इस बयान से साफ है कि इस बार आरजेडी इतनी जल्दी नीतीश कुमार को बीजेपी के साथ सरकार बनाने नहीं देगी। पूर्व मुख्यमंत्री और हम के मुखिया जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने शनिवार को विधायक दल की बैठक की। बैठक खत्म होने के बाद सामने आया कि वह एनडीए के साथ ही हैं।
मांझी की ओर से दो टूक कहा गया है कि जहां पीएम मोदी, वहां हम उनके इस कथन से जहां तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लगा है, तो वहीं राहुल गांधी के लिए भी ये करारे झटके वाली बात है।
इसी बीच सामने आया था कि सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के मुखिया जीतन राम मांझी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फोन पर बात की है। राहुल ने जीतन राम को इंडिया गठबंधन में आने का न्योता दिया है। वहीं मांझी का पार्टी ने मोल-तोल शुरू कर दी है।
मांझी की पार्टी हम के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने बनने वाली नई सरकार में पार्टी के लिए कम से कम दो मंत्री पद की मांग की है। उनका कहना है कि हम पार्टी गरीब गुरबों की बात करती है। ऐसे में हम को बेहतर सेवा देने के लिए कम से कम पार्टी के तरफ से 2 मंत्री पद जरूर मिलनी चाहिए। यह हमारी शर्त नहीं कार्यकर्ताओं और समर्थकों की मांग है। वैसे हम बगैर किसी पद के भी माननीय प्रधानमंत्री जी के साथ मुस्तैदी से खड़े हैं।
9वीं बार बनेंगे सीएम
पहली बार 3 मार्च, 2000
दूसरी बार 24 नवंबर, 2005
तीसरी बार 26 नवंबर, 2010
चौथी बार 22 फरवरी, 2015
पांचवी बार 20 नवंबर, 2015
छठी बार 27 जुलाई, 2017
सातवीं बार 16 नवंबर, 2020
आठवीं बार 9 अगस्त 2022
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."