वक्फ संशोधन 2025 ; बदलाव, विवाद और भविष्य की आशा

87 पाठकों ने अब तक पढादेश की इस्लामी वक्फ संपत्तियों की दशकों पुरानी व्यवस्था अब इतिहास बनने को है। वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया है। लोकसभा में 288 बनाम 232 और राज्यसभा में 128 बनाम 97 मतों से पास हुए इस विधेयक ने जहां सत्ता पक्ष की रणनीति … Read more

जितना तुम्हारा सच हो, उतना ही कहो: सत्य की सीमाओं में सजीवता की तलाश

112 पाठकों ने अब तक पढाइस युग में, जहाँ संचार के साधन असीमित हैं, वहां सच बोलना जितना आवश्यक है, उतना ही कठिन भी हो चला है। “जितना तुम्हारा सच हो, उतना ही कहो”—यह वाक्य केवल एक सलाह नहीं, बल्कि एक गहरी जीवन-दृष्टि है। यह हमें याद दिलाता है कि सत्य की भी अपनी मर्यादा … Read more

ईद का चांद नजर आया! जानिए भारत में कब होगी ईद-उल-फितर 2025

208 पाठकों ने अब तक पढारमजान का मुकद्दस महीना खत्म होने के साथ ही दुनियाभर के मुसलमानों की नजरें आसमान की ओर टिकी होती हैं, क्योंकि ईद-उल-फितर का त्योहार चांद दिखने के बाद ही मनाया जाता है। यह त्योहार रोजेदारों के लिए अल्लाह की तरफ से एक खास इनाम माना जाता है। इस बार भी … Read more

सवाल 370 बहाली का नहीं, एक विशेष दर्जे का है

229 पाठकों ने अब तक पढा“जम्मू-कश्मीर को धारा 370 की बहाली नहीं, बल्कि विशेष दर्जे की जरूरत है। भारत के कई राज्यों को संविधान के तहत विशेष अधिकार प्राप्त हैं—क्या जम्मू-कश्मीर के लिए भी ऐसा संभव है? पढ़ें पूरी रिपोर्ट।” जम्मू-कश्मीर की सीमाओं को पार करते ही रावी नदी के किनारे बसा लखनपुर नज़र आता … Read more

149 साल का इंतजार! महिलाओं की मुक्ति अभी अधूरी! जानिए क्यों?

152 पाठकों ने अब तक पढा अनिल अनूप सृष्टि की जब से रचना हुई है, इस पूरे संसार को सजाने व संवारने का काम मात्र दो ही प्राणियों ने किया है और वे दो प्राणी हैं- पुरुष एवं स्त्री। परंतु समस्त संसार की रचना में दो प्राणियों में भी अगर सबसे अधिक महत्वपूर्ण योगदान है तो … Read more

‘अरविंद’ पर ‘आतिशी’ का खतरा….कैसे ‘आप’ मुखिया पर भारी पड़ रहीं पूर्व सीएम? 

218 पाठकों ने अब तक पढापरवेज़ अंसारी की रिपोर्ट दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी (AAP) को सत्ता में आए हुए 10 साल से अधिक हो गए हैं। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि यह पार्टी विपक्ष की भूमिका में अधिक सहज नजर आती है। सत्ता में रहते हुए भी AAP अक्सर विपक्ष की … Read more

यहाँ की माटी में जोश अब भी जवां है, हर धड़कन में बुंदेली शान, केन की लहरों सा बहता जोश, तरुणाई में बसती है आगोश यहाँ

139 पाठकों ने अब तक पढासंतोष कुमार सोनी के साथ सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट बुंदेलखंड की माटी में जन्मे बांदा नगर की धरती ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों से समृद्ध है। यह नगर गंगा-जमुनी तहजीब का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है, जहां परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। इस आलेख … Read more

काम की बातें, भारत का अनोखा शहर: जिसका नाम उल्टा-सीधा एक समान

192 पाठकों ने अब तक पढासर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट भारत में कई ऐसे शहर हैं, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहरों, भौगोलिक स्थिति और आर्थिक गतिविधियों के लिए विश्व विख्यात हैं। शहरों के नाम भी उनकी पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत में एक ऐसा भी शहर है जिसका नाम उल्टा या सीधा लिखने पर समान … Read more

बलरामपुर : इतिहास की गौरवशाली विरासत और आधुनिक विकास की नई उड़ान

314 पाठकों ने अब तक पढाअब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट बलरामपुर जिले का इतिहास गौरवशाली और समृद्ध है। यह जिला 1997 में गोंडा से अलग होकर एक स्वतंत्र इकाई बना। जिले में स्थित देवीपाटन मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, जो न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि हर साल चैत्र माह में … Read more

महाकुंभ त्रासदी : आस्था और नियति का द्वंद्व

212 पाठकों ने अब तक पढाअनिल अनूप प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में जो कुछ हुआ, वह केवल एक हादसा नहीं, बल्कि एक त्रासदी थी, जिसने हजारों लोगों की आस्था और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए। भीड़ के अत्यधिक बढ़ने और प्रशासन की असफलता के कारण मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, … Read more