इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया। भाटपार रानी तहसील क्षेत्र के नोनार कपरदार का पीड़ित जय नारायण कुशवाहा अपनी जमीन को लेकर जनता दरबार गोरखपुर से लेकर कई अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहा है।
नोनार कपद्दार का रहने वाला जय नारायण कुशवाहा ने मीडिया से बताया कि हम तीन भाई हैं। हम बाहर देश रहते थे। हमारी पुस्तैनी जमीन खेत को आपस मे तीनों भाइयों के बीच आपसी समझौता द्वारा बंटवारा हो चुका था जिस पर हम तीनों भाई बहुत सालों से से अपना अपना कार्य कर रहे थे।
माली हालत खराब होने के बाद हमारी एक भाई साहब ने अपनी खेत की जमीन नक्शे और चौहद्दी देते हुए हमारे ही गांव के एक आदमी से बेच दिया। बैनामे की कॉपी में बकायदे मेरा भाई नक्शे को नजर रखते हुए चौहद्दी दर्शाने के बादअपने खेत को बेचने के बाद कुछ दिनों तक हमारे गांव का जो व्यक्ति यह खेत लिया वह उसे खेत पर अपना कार्य करने लगा। चकबंदी होने पर मेरे हिस्से की चक को उसके नाम कर दिया गया।
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तभी से मैं और मेरा परिवार बहुत ही परेशान है और अधिकारियों के पास चक्कर लगाते लगाते मैं यही चाहता हूं कि मेरे हिस्से में जो जमीन भाइयों द्वारा बटवारा में मिला है वह जमीन मुझे दिया जाए और जो हिस्सा भाई हमारा जिधर हिस्सा बेचा है उसको दिया जाए अधिकारियों से मेरा यही गौहर है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."