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November 23, 2024 8:19 am

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तीतर से भी तेज “दीपक तीतर”….जेल में बंद है लेकिन कई राज्यों की पुलिस को नाकों दम कर रखा है, कारनामे इसके बड़े बड़ों को चौंका दिया है

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

दिल्ली तिहाड़ जेल के अंदर एक बार फिर लिख दी गई थी कत्ल की स्क्रिप्ट, एक बार फिर दिल्ली में खूनी खेल खेले जाने का प्लान तैयार हो गया था। एक करोड़ की चिट से कहानी की शुरुआत होती है। ये चिट थी- एक करोड़ दो नहीं तो मौत इंतजार कर रही है। ये धमकी आई थी जेल से और इस धमकी के पीछे था तीतर। तीतर वो पक्षी होता है जो अपनी तेजी के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां जो तीतर है वो उस पक्षी से भी तेज है, जो जेल में बैठे-बैठे ऐसी वारदातों को अंजाम देता है कि पुलिस भी हैरान रह जाती है।

कौन है गैंगस्टर दीपक तीतर?

कौन है दीपक तीतर जो दिल्ली में खून खराबा करने को अपना अधिकार मानता है। जो जान लीजिए ये वो लड़का है जो दिल्ली को बखूबी समझता है, यहां की हर गली से वाकिफ ये, यहां के लोगों के बीच पला बढ़ा है। दिल्ली के डीटीसी ड्राइवर के घर दूसरा बेटा पैदा हुआ तो नाम रखा गया दीपक। दिल्ली के माजरा डबास का गांव का दीपक एक साधारण घर में पैदा हुआ। पिता ड्राइवर से लेकिन बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते थे।

गोल्ड मेडल जीतने के बाद कैसे बना गैंगस्टर?

दीपक बचपन से ही दौड़ने का काफी तेज था। पिता को उम्मीद थी ये बड़ा होकर कुछ करेगा और उन्हें अपने बेटे की प्रतिभा के मुताबिक उसे एथलीट में डाल दिया। पिता चाहते थे बेटा देश का नाम रौशन करे, एथलीट में अपना नाम कमाए। दौड़ जीतकर देश को सम्मान दिलाए। कुछ समय तक ऐसा हुआ भी। दीपक डबास ने अपनी दौड़ से नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल भी जीता, लेकिन इसके बाद ही उसकी दिशा बदलने लगी।

दिल्ली में खूनी खेल करना तीतर का शौक

दिल्ली के मॉडल टाउन में उसका किसी से झगड़ा हो गया। पुलिस ने दीपक डबास को जेल में डाल दिया। जेल गया तो वहां अपराधियों और गैंगस्टर से मुलाकात हुई। दीपक डबास अब दीपक तीतर बनने लगा था। जेल में उसकी दोस्ती हरियाणा के गैंगस्टर अजय बरनाला से हुई तो बस दोनो ने एक गैंग बना ली। काम था दिल्ली और हरियाणा में अपना खौफ पैदा करना। इसके बाद तो अक्सर मारपीट, झगड़े, हत्या की कोशिश और हत्या में दीपक डबास का नाम आने लगा। अब तक वो दीपक तीतर के नाम से दिल्ली में मशहूर हो चुका था। उसे मजा आने लगा था खूनी खेल में।

तिहाड़ जेल से चला रहा है सिंडिकेट

दिल्ली के एक केबल ऑपरेटर देवेन्द्र की हत्या के आरोप में पुलिस ने दीपक तीतर को तिहाड़ जेल में डाल दिया, कुछ दिन वो जेल में रहा, लेकिन एक दिन वो जेल से फरार हो गया। 16-17 पुलिस वालों को चकमा देकर तीतर बच निकला। इस दौरान वो पुलिस से बचता रहा। दीपक पर 2 लाख का इनाम घोषित था। वो मोस्ट वांटेड गैंगस्टर बन चुका था। करीब एक साल बाद वो पुलिस की पकड़ में आ गया और फिर से उसे तिहाड़ जेल में डाल दिया।

गोगी और बिश्नोई गैंग का सबसे भरोसेमंद

उसी तिहाड़ जेल में बंद था टिल्लू ताजपुरिया। दीपक और टिल्लू ताजपुरिया के बीच शुरू से ही झगड़े होने लगे। टिल्लू ताजपुरिया बंबीहा गैंग था और बंबीहा गैंग दिल्ली के ही एक दूसरे गैंग गोगी का दुश्मन था। बस इसी वजह से दीपक तीतर की दोस्ती गोगी गैंग के लीडर जितेंद्र गोगी से हो गई। गोगी गैंग किसी भी कीमत पर बंबीहा गैंग को हराना चाहता था और इसके लिए उसे साथ मिला लॉरेंस बिश्नोई गैंग का। अब दीपक तीतर भी लॉरेंस गैंग का हिस्सा था। साल 2021 में टिल्लू ताजपुरिया ने गोगी गैंग के लीडर जितेन्द्र गोगी की हत्या कर दी थी जिसके बाद गैंगवार ने और भयानक रूप ले लिया।

टिल्लू ताजपुरिया की हत्या में भी तीतर का नाम

इस गैंगवार का ही नतीजा था इसी साल तिहाड़ जेल में टिल्लू ताजपुरिया की हत्या और इस हत्या के आरोप भी लगे दीपक तीतर पर। दीपक तीतर के दिल्ली में अपने कई शूटर हैं जो उसके इशारे पर किसी भी हत्या कर देते हैं। दीपक खुद जेल में बैठा हुआ है, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए वो अपने गैंग से जुड़ा रहता है। गोगी गैंग के लिए तीतर काम करता है और लॉरेंस गैंग का भी भरोसा तीतर पर है। अभी 23 अक्टूबर को दीपक तीतर के एक शूटर ने लाडपुर में दिल्ली के एक कारोबारी के घर पर फायरिंग शुरू की। कारोबारी के घर तक तीन चिट पहुंचाई गई जिसमें एक करोड़ रुपये की डिमांड की गई और धमकी दी गई अगर डिमांड पूरी नहीं हुई तो जल्द ही किसी की मौत होगी। कल पुलिस ने इस मामले में दिल्ली से एक शूटर कुलवंत दलाल को गिरफ्तार किया है और ये शूटर दीपक तीतर का ही बताया जा रहा है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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