ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट
आगरा: मेटा और गूगल पर विज्ञापन दिखाकर लोगों के साथ ठगी करने वाले शातिर अपराधियों का गैंग पुलिस के हत्थे चढ़ा है। सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर लोगों को लालच देते थे। इसके बाद उनके साथ ठगी करते थे। ठगी के रुपयों से क्रिप्टो करेंसी खरीद लेते थे। इसके बाद उनको रुपयों में ट्रांसफर कर लेते थे। शातिर अपराधियों के चंगुल में देशी और विदेशी समेत सैकड़ों लोग फंस चुके हैं। पुलिस ने मंगलवार को गैंग के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
महंगी गाड़ी और शौक से पकड़े गए
उन्होंने बताया कि गैंग के सरगना अमन राघव, उसके साथी यशवीर और सम्राट को अरेस्ट किया है। सिकंदरा थाना प्रभारी निरीक्षक आनंद कुमार शाही ने बताया कि ऑनलाइन फ्रॉड होने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। सिकंदरा क्षेत्र में उन्हें जानकारी मिली कि कुछ लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग का काम करते हैं। खाते भी खुलवाते हैं, लेकिन लाइफ स्टाइल किसी बड़े रईस से कम नहीं है। इस लीड पर जब काम किया गया तो पाया कि अमन, यशवीर और सम्राट के पास एसयूवी गाड़ियां हैं। इनके पास एक से डेढ़ लाख का मोबाइल है। ये सब इन्होंने बहुत कम समय में हासिल कर लिया। इन्हें ट्रेस किया गया और मेटा और गूगल के अधिकारियों से सहयोग लेकर आरोपियों का पता चल गया।
जीमेल और इंस्टा पर थे फर्जी अकाउंट
शातिरों ने टेलीग्राम पर एक जीमेल पर 9 और इंस्टाग्राम पर 55 फर्जी अकाउंट खोले थे। ठगी की धनराशि को अपने फर्जी अकाउंट में लेते थे। इसके बाद बाइनेंस के खाते में ट्रांसफर कर उससे क्रिप्टो करेंसी खरीद लेते थे। ठगी करने के बाद फर्जी खाते को बंद कर देते थे। शिकायत पर पुलिस को साक्ष्य भी नहीं मिल पाते थे। पुलिस को अमन ने बताया कि यशवीर और सम्राट उसके लिए काम करते थे। इसके लिए वह ठगी की रकम का 50 प्रतिशत हिस्सा दोनों को देता था। अमन ने पुलिस को बताया कि उसने ये काम उत्कर्ष से सीखा था। शातिरों को पकड़ने वाली पुलिस टीम को डीसीपी सिटी ने 25 हजार का इनाम देने की घोषणा की है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."