सुहानी परिहार की रिपोर्ट
इंदौर: मध्य प्रदेश के विदिशा में 50 वर्षीय दरिंदे अल्ताफ ने हैवानियत की सभी हदें पार कर दी। उसने अपनी बेटी की 15 साल की नाबालिग सहेली का बार-बार बलात्कार किया और फिर गर्भवती होने उसका गर्भपात करा दिया और 7 महीने के भ्रूण को कहीं सुनसान जगह पर फेंक आया।
यही नहीं, अल्ताफ ने पीड़िता को धमकी भी दी कि यदि उसने इस बारे में किसी को बताया तो वह उसकी और उसके परिवार को मार डालेगा। नाबालिग डर के मारे चुप रही।
हालाँकि, जब परिजनों को पता चला तो वे पीड़िता को लेकर थाने पहुंचे और अल्ताफ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इस दौरान अल्ताफ के रिश्तेदार वहाँ पहुँचकर पीड़ित परिवार को धमकाने लगे। उन्होंने लड़की के परिजनों पर पैसे लेकर समझौता करने का दबाव भी डाला। जब पीड़ित परिवार दबाव में नहीं आया, तो आरोपितों ने धमकी दी कि वे (पीड़ित परिवार) अब गाँव में नहीं घुस पाएगा। इसके बाद आरोपित का परिवार डर के साए में जी रहा है। अल्ताफ के परिवार की धमकियों के बाद गाँव में पुलिस तो तैनात कर दी गई है, लेकिन पीड़ित परिवार में अब भी खौफ बरक़रार है कि, कहीं पुलिस हटते ही उनके साथ कुछ अनहोनी न हो जाए। वहीं, इस मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) ने पुलिस से जवाब भी तलब किया है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता का गाँव की आबादी तक़रीबन 1,000 है। इनमें मुस्लिम, कुर्मी, कोईरी सहित दलित एवं अन्य समुदाय के लोग रहते हैं। आसपास का पूरा इलाका मुस्लिम बाहुल्य है। इसलिए गाँव में भी मुस्लिमों का दबदबा रहता है। गाँव का सरपंच भी मुस्लिम ही है। वहीं, पीड़ित परिवार हिन्दू धर्म से है, आबादी अधिक न होने के कारण उनके पास कोई समर्थन भी नहीं है, वे डर में जीने को मजबूर हैं। बलात्कार के आरोपित अल्ताफ के बारे में गाँव वाले बताते हैं कि वह 4 भाई है और इनमें से 2 भाई भी महिला से संबंधित अपराधों में जेल जा चुके हैं। अल्ताफ की 4 बेटी और एक बेटा है। इनमें से 2 का निकाह हो चुका है। उसकी सबसे छोटी बेटी 15 साल की है और वही पीड़िता की सहेली भी है। वहीं, पीड़ित परिवार ने अपनी जमीन बंटाई पर आरोपित अल्ताफ को दे रखी थी, जिसके चलते उसके परिवार का घर पर आना-जाना भी अक्सर लगा ही रहता था।
पीड़िता ने बताया है कि अल्ताफ की बेटी की सहेली होने के चलते वह अक्सर उसके साथ अल्ताफ के घर जाया करती थी और अल्ताफ की बेटी भी उसके घर आती थी। लगभग डेढ़ साल पहले जब वह घर में अकेली थी, तभी अल्ताफ वहाँ आया और कहा कि उसकी बेटी उसे बुला रही है, जब पीड़िता वहाँ पहुँची, तो देखा उसके घर में कोई नहीं थी। इसी बीच अल्ताफ ने पीड़िता का हाथ पकड़कर उसे घर के अंदर घसीट लिया और मुँह दबाकर उसका बलात्कार किया। इस दौरान अल्ताफ छुरा दिखाकर पीड़िता से बोला कि यदि किसी को बताया तो ‘इसी छुरे से तेरा गला काट दूँगा’। उसने पीड़िता के पूरे परिवार की हत्या की भी धमकी दी। इसके बाद पीड़िता रोती-बिलखती रही, मगर डर के कारण किसी को कुछ बताया नहीं।
पीड़िता ने बताया कि इसके बाद से जब भी उसके घर पर कोई नहीं होता, तो अल्ताफ डरा-धमकाकर उसका बलात्कार करता था। इसी बीच जब वह गर्भवती हो गई, तो आरोपित ने उसे गोलियाँ खिला दीं। पीड़िता ने बताया कि इसके बाद भी अल्ताफ ने उसका बलात्कार करना बंद नहीं किया। दरिंदे अल्ताफ ने मार्च में बुलाकर फिर बलात्कार किया। पीड़िता ने बताया कि वह अल्ताफ के आगे हाथ जोड़ती रही, गिड़गिड़ाती करती कि उसे छोड़ दे, वह उसकी बेटी जैसी है। इस पर अल्ताफ कहता था कि बेटी जैसी हो, बेटी तो नहीं हो ना। वह अक्सर हत्या की धमकी देता था। आखिरी बार जब अल्ताफ ने मार्च में उसका बलात्कार किया, तो इससे तंग आ चुकी पीड़िता ने कहा कि इसके बाद गलत किया तो वह सबको बता देगी या ख़ुदकुशी कर लेगी।
पीड़िता का कहना है कि इसके बाद आरोपित ने उसका रेप नहीं किया, मगर एक बार फिर उसे गर्भ ठहर चुका था। मई में पीड़िता ने यह बात आरोपित को बताई, तो उसने कहा कि वह सब कुछ सही कर देगा। एक दिन जब पीड़िता के घर में कोई नहीं था, तो अल्ताफ पीड़िता के घर पहुंचा और गोलियाँ खिला दी। इससे पीड़िता का गर्भपात हो गया और वह पॉलिथिन में भ्रूण लेकर जाकर गाँव में कहीं फेंक आया। पीड़िता ने बताया कि इसके बाद से उसकी तबीयत बिगड़ गई। वह घर में पड़ी रहने लगी। लेकिन, 24 सितंबर 2023 को पूरे गाँव में भ्रूण मिलने की खबर आग की तरह फैल गई। इसके बाद उसने अपनी माँ को पूरी आपबीती बता दी।
तब कहीं जाकर पीड़िता के परिजनों ने उसे थाने ले जाकर केस दर्ज कराया। वहीं, पीड़िता की माँ ने कहा कि, ‘जिस अल्ताफ पर हम इतना यकीन करते थे, उसी ने हमारी पीठ पर छुरा घोंप दिया। वह बेटी को जान से मारने के धमकी देता था। अल्ताफ ऐसी घिनौनी हरकत करेगा, हमने सपने में भी सोचा नहीं था।’ वहीं, पीड़िता के भाई ने कहा कि थाने में शिकायत देते समय अल्ताफ का समधी और सरपंच अफशीस खान आ गया और धमकी देने लगा था। अब भी पीड़ित परिवार खौफ के सारे में जीने को मजबूर है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."