स्वनिर्मित राखी बनाकर स्कूल की बालिकाओं ने भाईयों को बांधी राखी

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट 

देवरिया,सलेमपुर। मंगलवार को प्राथमिक विद्यालय पडरी झिल्लीपार विकास क्षेत्र सलेमपुर में विद्यालय की बालिकाओं ने अपने हाथो से विभिन्न प्रकार की राखी का निर्माण किया था। बड़े उत्साह के साथ अपने भाईयो को रक्षाबंधन के अवसर पर राखी भेट की।

 

ए आर पी बिपिन दुबे ने बताया रक्षाबन्धन भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार है, रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है। रक्षाबंधन के दिन बहने भगवान से अपने भाईयों की तरक्की के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं ।

राखी के अलावा बच्चो विभिन्न प्रकार के चार्ट का प्रदर्शन किया जिसने सद्दाम हुसैन अंसारी , अविनाश कुमार अजय कुमार मिश्र, सीमा यादव, सरोज सिंह ने सहयोग किया। आयुष ,अमृता ,रंजना, लक्ष्मी, प्रशांत, दिव्या, दीप्ति, आकाश, प्रियांशु, अमित, रोशन, विक्रम, प्रिया, अर्चना ने राखी बनाई।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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