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अतर्राबांदा

चित्रकूट में नवम्बर में होगा शिक्षक सम्मान समारोह ; प्रतिभागियों का पंजीकरण प्रारंभ

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संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट 

अतर्रा(बाँदा)। शैक्षिक संवाद मंच उत्तर प्रदेश द्वारा 24, 25 एवं 26 नवंबर, 2023 को चित्रकूट में शैक्षिक संगोष्ठी एवं शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया जायेगा।

समारोह में सहभागिता हेतु पंजीकरण प्रक्रिया आरंभ की जा रही है। इस तीन दिवसीय संगोष्ठी में परिचर्चा, लेखकों से संवाद, शिक्षकों के अनुभव कथन, कविता पाठ, व्याख्यान, योग-प्राणायाम, परिवेश में विज्ञान, शिक्षक सम्मान आदि सत्रों सहित पुस्तक-पत्रिका प्रदर्शनी, दीवार पत्रिका प्रदर्शन, फोटो गैलरी, नौका विहार, मां मंदाकिनी आरती दर्शन, कामदगिरि परिक्रमा, चित्रकूट पर्यटन आदि विविध कार्यक्रम सम्पन्न होंगे।

उद्घाटन सत्र में समाजसेवी गोपाल भाई, पद्मश्री उमाशंकर पांडेय, भाषाविद् कमलेश कमल सहित शिक्षा, साहित्य, रंगकर्म, पर्यावरण एवं विज्ञान क्षेत्र से जुड़े महनीय व्यक्तित्व का सान्निध्य एवं मार्गदर्शन मिलेगा।

उक्त जानकारी देते हुए आयोजन समिति के सदस्य रामकिशोर पांडेय एवं दुर्गेश्वर राय ने बताया कि शैक्षिक संवाद मंच द्वारा नवम्बर में आयोज्य शैक्षिक संगोष्ठी एवं शिक्षक सम्मान समारोह की व्यवस्था हेतु गत दिवस एक आनलाइन बैठक आयोजित की गई थी जिसमें शैक्षिक संवाद मंच से जुड़े उत्तर प्रदेश के तीन दर्जन से अधिक शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने सहभागिता कर विभिन्न प्रस्तावों पर सर्वसम्मति से निर्णय लिए।बैठक की अध्यक्षता कर रहे मंच के संस्थापक प्रमोद दीक्षित मलय ने पिछले सम्मेलन में संपादित किए गए विभिन्न विचार सत्रों, परिचर्चा, कवि सम्मेलन, पर्यटन, सम्मान समारोह, नौका विहार, मां मंदाकिनी आरती दर्शन, जलपान, भोजन एवं शिक्षक आवास व्यवस्था, आवागमन प्रबंध आदि का विवरण देते हुए बताया इस बार इसे और बेहतर किया जाएगा।

सम्मेलन में वही साथी भाग लें जिन्हें कुछ नया सीखने और सीखाने में रुचि हो और जो अपने विद्यालयों को आनन्दघर बनाने के लिए समर्पित होकर काम कर रहे हैं। प्रतिभागियों को निर्धारित सभी सत्रों में गंभीरतापूर्वक प्रतिभाग करना होगा। समय प्रबंधन का विशेष ध्यान दिया जाएगा। बैठक में पिछले वर्ष प्रतिभाग किए साथियों ने अपने अनुभव साझा किये।

वाराणसी के डॉ श्रवण कुमार गुप्ता ने कहा कि यह कार्यक्रम मेरे जीवन का सर्वश्रेष्ठ कार्यक्रम था। 24 वर्ष के कैरियर में 50 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में भाग लिया किंतु गतवर्ष का आयोजन अलग और सीखभरा था। डॉ अरविंद द्विवेदी ने कार्यक्रम में दिए विजन “विद्यालय बने आनंदघर” और इस दिशा में किए गए कार्य को ही सबसे बड़ा पुरस्कार बताया। फतेहपुर की सीमा मिश्रा ने आयोजन में मिले अपनापन और अनुशासन को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यहां मैं से हम की भावना दिखती है। पारिवारिक भाव सुखद है।

जालौन की रीनू पाल ने कहा कि अब तक हम चित्रकूट को भगवान राम की तपोभूमि के नाम से जानते थे, लेकिन अब चित्रकूट का नाम आते ही जेहन में मंच के कार्यक्रम की यादें पहले आ जाती है। स्काउट विशेषज्ञ संतोष कुशवाहा कार्यक्रम में रहने और सोने की व्यवस्था एवं कड़कती ठंड में अर्धरात्रि में समुचित तरीके से स्टेशन में रिसीव करने की व्यवस्था से अभिभूत दिखे। योग विशेषज्ञ कमलेश पांडेय ने कार्यक्रम में गांधी जी के बुनियादी शिक्षा की झलक और प्राचीनता और नवीनता के संगम की सराहना की। दुर्गेश्वर राय ने शिक्षाविद आलोक मिश्रा के बाल मनोविज्ञान, आशुतोष उपाध्याय के सीखने–सिखाने और धांसू सिंह धाकड़ के रंगमंच आधारित सत्रों को अत्यंत उपयोगी बताते हुए बांदा टीम द्वारा किए गए कार्य की सराहना की तो वहीं विनीत मिश्रा, अर्चना सागर, स्मृति दीक्षित आदि कार्यक्रम को लेकर उत्सुक दिखे।

आयोजन में सक्रिय सहभागिता देने वाले इंसाफ अली ने कहा कि बांदा टीम आज भी उतनी ही मजबूती के साथ आयोजन को संपन्न करेगी। आप सभी सीखने-सिखाने के इस अनुष्ठान में अवश्य पधारें। पंजीकरण प्रक्रिया के विभिन्न प्रस्तावों को सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति अनुमोदित किया।बैठक के अंत में मंच के संस्थापक सदस्य और आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले रामकिशोर पांडेय ने 2012 में मंच की स्थापना से लेकर आज तक हुए प्रयासों को अपने लिए और शिक्षा जगत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए मंच द्वारा पल्लवित कलम की धार, विद्यालयों में हुए धरातलीय कार्य और विभिन्न प्रयोगों का प्रतिनिधित्व करते इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने के संकल्प को दुहराया। इनके अतिरिक्त हरियाली श्रीवास्तवा, प्रिंस मिश्रा, रश्मि मिश्रा, नीरज मथुरिया, डॉ. प्रज्ञा त्रिवेदी, अनीता यादव, डॉ .रचना सिंह, विशाल गांधी, प्रदीप बाथम, चंद्रशेखर सेन, साधना मिश्रा, अशोक प्रियदर्शी, डॉ. सदाशिव तिवारी, कुसुम कौशिक, प्रतिमा यादव, बलराम दत्त गुप्ता, राजेंद्र प्रसाद राव, मोनिका सिंह, माधुरी त्रिपाठी, श्रुति त्रिपाठी, मधु सिंह आदि प्रतिभागियों ने कार्यक्रम के विभिन्न प्रस्तावों पर अपनी सहमति प्रदान कर समारोह की सफलता की कामना की।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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