दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बाराबंकी: प्रयागराज की सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नॉलजी एंड सांइसेंज के रिटायर्ड प्रफेसर प्रेमबंश राजौर को वहां की एक पूर्व छात्रा ने ढाई करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। आरोप है कि छात्रा ने यह ठगी अपने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग से अंजाम दी। वारदात के 32 दिन बाद गुरुवार की रात देवा पुलिस ने धोखाधड़ी और जानलेवा हमला की धारा में केस दर्ज किया है। आरोपियों की तलाश में पुलिस ने छापेमारी शुरू की है।
यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रफेसर प्रेमबंश राजौर के अनुसार सेवा में रहते हुए प्रयागराज में ही निवेश को लेकर संजीव निगम उनके संपर्क में आया था। वर्ष 2017 में प्रफेसर की पत्नी का देहांत हो गया था और 2018 में प्रफेसर रिटायर हो गए थे। रिटायर होने के बाद एक छात्रा कविता त्रिपाठी उनके संपर्क में आई थी। इस बीच संजीव निगम ने उसे सलाह देते हुए कहा था कि वह अपना प्रयागराज शहर के महेवा चैराहे का अपना घर-प्लॉट बेच दे और बड़े शहर या आसपास जाकर बस जाए। संजीव ने उनका घर चार करोड़ रुपये में फरवरी में बिकवा दिया। इसके बाद संजीव निगम ने बाराबंकी के हुज्जाजी देवा के मो.समीर और हेमंत द्विवेदी से प्रफेसर की मुलाकात करवाई। इन लोगों ने प्रफेसर को बताया कि लखनऊ के पास बाराबंकी में वह उनको घर और जमीनें खरीदवा देंगे। कविता साथ रहेगी और घरेलू कार्य निपटा देगी।
बाराबंकी के देवा लाकर सिपहिया देवा में दो महीने पहले 90 लाख में एक घर और हॉस्टल खरीदवा दिया। साथ ही तिदोंला में 60 लाख की जमीन का बैनामा करा दिया। इसके बाद और जमीन खरीदवाने के लिए बातचीत कराने लगे। कई लोगों के नाम से करीब 60 लाख रुपये के चेक और आरटीजीएस से भुगतान दिला दिया। फिर पांच जून को रात करीब साढ़े आठ बजे कविता, संजीव, मो.समीर ने हेमंत द्विवेदी को बुलाया और घर में रखे एक करोड़ 90 लाख रुपये जबरदस्ती दिलवा दिए। इसके बाद उसे रात में ही कार से जमीन दिखाने के बहाने ले गए और रास्ते में जबरन उसे खींचकर कार से बाहर निकाला। फिर इन लोगों ने कहा कि आप और आपका बेटा ही है। अब प्रॉपर्टी क्या करोगे और धमकाते हुए उसको कार से नीचे धक्का देकर गिरा दिया। इसके बाद चारों लोग मौके से भाग गए।
गंभीर हालात में उसे पड़ा देखकर लोगों ने उनके बेटे का मोबाइल नंबर लेकर वारदात की जानकारी दी। इस पर बेटा गिरीश आया और उनको लेकर अस्पताल में भर्ती करवाया। भय और दहशत के कारण वह देवा में खरीदे हुए घर पर ताला लगाकर अज्ञात स्थान पर जाकर रुके। प्रफेसर ने बताया कि गैंग की सदस्य कविता उनके घर से बैनामा के कागजात, चेकबुक, पासबुक आदि भी उठा ले गई। दहशत के बीच प्रफेसर ने एसपी दिनेश कुमार सिंह से बेटे के साथ मुलाकात की और पूरा घटनाक्रम बताया। इस पर एसपी ने देवा पुलिस को मुकदमा दर्ज कर आरोपितों की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। शुक्रवार की देर शाम तक आरोपितों की तलाश जारी है।
शादी का झांसा देकर करीब आई थी कविता
प्रफेसर के अनुसार गैंग की सदस्य कविता त्रिपाठी (40) उससे कुछ समय पहले बतौर छात्रा मिली थी। फिर उसने घरेलू कार्य में मदद शुरू कर दी। संजीव निगम से कविता ने कहलवाया कि वह जीवनभर उनके साथ रहेगी। चाहेंगे तो विवाह भी कर लेंगे। फिर संजीव की मदद से कविता ने रुपये लूट का यह कारानामा रच डाला। इंस्पेक्टर पंकज कुमार सिंह ने बताया कि मामले में आरोपितों की तलाश की जा रही है।
Author: samachar
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