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November 1, 2024 1:58 pm

चुनाव के लिए की रातोंरात शादी के बदले में मिली जीत का शानदार तोहफा आपको हैरत में डाल देगी

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

रामपुर। सना खानम की रामपुर शहरी सीट से जीत की कहानी यहां बतायी गई बहुत रोचक है। जब रामपुर शहरी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई, तो ममनून शाह की उम्मीदें टिकट हासिल करने की तैयारी में थीं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। तब उन्होंने रातों रात अपने आधिकारिक उम्र में शादी कर ली और इस तरह से अपने चुनावी प्रतिष्ठान को महिला प्रत्याशी के रूप में प्रस्तुत किया।

उनके दोस्त फैसल लाला ने उनकी पत्नी को आप के मंच के लिए पेशकश की, जिससे उन्हें चुनाव में सहायता मिली। इस तरह से, उन्होंने अपनी रामपुर चुनावी प्रचार यात्रा शुरू की और लोगों के बीच आकर्षण बन गईं।

यह एक अनोखी कहानी है जो दिखाती है कि राजनीति में कभी-कभी आपातकालीन और अनुपेक्षित हालातों में लोगों को अनुकूलन करने के लिए अनोखे कदम उठाए जाते हैं।

फैसल ने उनके लिए आम आदमी पार्टी से टिकट सुनिश्चित किया। शनिवार को 36 साल की सना खानम ने 43,115 वोट के साथ जीत हासिल की और बीजेपी उम्मीदवार डॉ. मुसर्रत मुजीब को 10,958 वोटों के अंतर से हराया।

आजम का अभेद्य किला माने जाने वाले रामपुर नगर निकाय में अध्यक्ष की सीट पिछले दो दशकों से सपा के पास रही थी, लेकिन स्वार में बेटे की सीट गंवाने वाले आजम यहां भी इस बार सपा प्रत्याशी को जीत नहीं दिला पाए। सपा की फातिमा जबी 16,269 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।

शादी की योजना को बताया ऊपर वाले की मर्जी

ममनून शाह ने बताया कि सालों तक उन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में लोगों के बीच कड़ी मेहनत की और इस बार सक्रिय राजनीति में उतरने का फैसला किया। लेकिन आखिरी वक्त में जिस सीट की मेरी आकांक्षा थी, वह महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने तुरंत शादी करने का फैसला किया।

उन्होंने कहा, यह सब अचानक हुआ। ऊपरवाले ने उनकी योजनाओं का निर्देशन किया और उन्हें वो जीवन साथी मिला, जो उनके जैसा ही सोचता है। उन्होंने कहा, उनका मकसद सना के लिए टिकट हासिल करना था, क्योंकि आखिर में उन दोनों का नजरिया एक है, जो लोगों की सेवा करना है। स्नातकोत्तर तक की शिक्षा प्राप्त सना रामपुर की रहने वाली हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."