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अपराध

…ये चालाकियां जानकर आप भी कहेंगे -अतीक से भी बड़ी …..”शातिर शाइस्ता”

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

अतीक अहमद (Atique Ahmed) बेशक मारा जा चुका है, लेकिन उसका साम्राज्य खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। वजह है शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen)। अतीक अहमद की बेगम जो पहले पर्दे के पीछे से खेल करती थी, अब खुलकर पुलिस के लिए चुनौती बन रही है। जब तक अतीक जेल से बाहर था इस खतरनाक महिला का नाम भी कोई नहीं जानता था, लेकिन पिछले 70 दिनों में इसने साबित कर दिया है कि ये माफिया डॉन अतीक अहमद से भी खतरनाक है, अतीक से भी चालाक है।

चार बार पुलिस को चकमा दे चुकी है शाइस्ता परवीन!

उत्तर प्रदेश का पूरा पुलिस महकमा एक महिला को गिरफ्तार करने के पीछे पड़ा हुआ है। वो महिला जिसका पति मारा जा चुका है, बेटे का भी एनकाउंटर हो चुका है, परिवार के ज्यादातार लोग पुलिस की गिरफ्त में है, लेकिन ये शातिर महिला उत्तर प्रदेश की पुलिस को बार-बार चकमा दे रही है। पति की मौत के बाद ये पुलिस को चुनौती दे रही है- पकड़ सको तो पकड़ लो! जी हां चार बार ऐसा हो चुका है जब शाइस्ता पुलिस से कुछ गज के दायरे पर थी। पुलिस के पास इस बात के पुख्ता सबूत थे, लेकिन सालों तक गुनाह का पाठ पढ़ चुकी ये बेगम पुलिस की आंखों में ही धूल झोंककर फरार हो गई।

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19 अप्रैल: चकमा नंबर 1 – कौशांबी जिला

पति और बेटे की मौत के बावजूद शाइस्ता परवीन खुद को छुपाने में लगी हुई थी। अतीक की मौत को 4 दिन हो चुके थे। हर किसी को उम्मीद थी शाइस्ता, अतीक की मौत के बाद सरेंडर कर देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पुलिस तलाशी में जुटी थी। 19 अप्रैल के दिन यूपी पुलिस को खबर मिली कि शाइस्ता कौंशाबी जिले में है। खबर एकदम पुख्ता थी। ये तय था कि आज शाइस्ता गिरफ्तार हो जाएगी। पुलिस दलबल के साथ पहुंच गई। ड्रोन की मदद से शाइस्ता को तलाशा गया। 2 घंटे तक उस जगह पर सर्च अभियान जारी रहा, लेकिन तभी पुलिस को पता चला कि शाइस्ता सामने-सामने आंखों में धूल झोंककर वहां से निकल गई है।

25 अप्रैल: चकमा नंबर 2 – जैनब का ससुराल

25 अप्रैल को एक बार फिर शाइस्ता का पता पुलिस को लगा। उत्तर प्रदेश पुलिस को पुख्ता सूचना मिली कि शाइस्ता अपनी देवरानी जैनब फातिमा के घर पर छुपी हुई है। उसी दिन पुलिस की एक बड़ी टीम पहुंच गई प्रयागराज-कौशांबी बॉर्डर पर बने हटवा गांव में। ये शाइस्ता की देवरानी जैनब फातिमा का मायका है। पुलिस की टीम को देखते ही वहां पर लोग सकपका गए और ऐसे में शाइस्ता ने चली एक चाल। पुलिस के सामने कई सारी महिलाएं खड़ी हो गई और वो भी बुर्का पहनकर। अब यूपी पुलिस के लिए बुर्के अंदर शाइस्ता को खोजना नामुमकिन था। बुर्के की आड़ में शाइस्ता यहां से पुलिस के सामने ही फरार हो गई।

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1 मई: चकमा नंबर 3 – सरकारी बस

दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम में एक फोन आया। इस फोन पर पुलिस को बताया गया कि उसने शाइस्ता को एक बस में सवार देखा है। दिल्ली पुलिस ने यूपी पुलिस को जानकारी दी। इस फोन के तुरंत बाद पुलिस हरियाणा, दिल्ली और गाजियाबद के हाइवे पर अलर्ट हो गई। उस बस की तलाशी ली गई जिसमें बताया गया था कि शाइस्ता सवार थी। उसमें कई महिलाएं थी, लेकिन शाइस्ता का पता नहीं था। पुलिस की पूरी मेहनत को शाइस्ता एक बार फिर बर्बाद कर चुकी थी।

4 मई: चकमा नंबर 4 – गंगा किनारे

कल एक बार फिर यूपी पुलिस को शाइस्ता के बारे पुख्ता जानकारी हाथ लगी। बताया गया शाइस्ता कछार इलाके में गंगा किनारे के एक गांव शरण ले चुकी है। वहीं छुपकर वो अपने लोगों से संपर्क कर रही है। कल पूरी रात यूपी पुलिस की टीम कछार में बने गंगा किनारे के गांवों में छानबीन करती रही, लेकिन शाइस्ता एक बार फिर पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो गई। 70 दिन बीत जाने के बावजूद वो आज भी पुलिस की पकड़ से दूर है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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