google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
रामपुर

क्यों बदले-बदले से हैं आजम खान के तेवर? सता रहा है डर या है कोई और बेचैनी ?

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

राकेश तिवारी की रिपोर्ट 

रामपुरः सपा के कद्दावर नेता आजम खान विरोधियों के खिलाफ अपनी सख्त आक्रामता के लिए जाने जाते हैं। तीखे तंज और सीधा हमले के लहजे में विरोधियों पर जुबानी निशाना साधने में उन्हें महारत हासिल है लेकिन अब बेटे और खुद की विधायकी छिन जाने के बाद से उनके तेवर बदले-बदले नजर आ रहे हैं। योगी सरकार के उनके परिवार पर लगातार जारी ऐक्शन से वह चिड़चिड़ा गए से लगते हैं। इसके अलावा, योगी की लिस्ट में दर्ज माफियाओं के साथ हुई हालिया घटनाओं को देखते हुए उन्हें खुद को मरवाने का डर भी सताने लगा है। हाल ही में रामपुर में निकाय चुनाव के प्रचार में निकले आजम खान ने इशारों में अपना यह डर जाहिर किया है।

क्या कहा आजम खान ने?

दरअसल, रामपुर में आजम खान एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने भावुक होकर कहा, ‘रामपुर वालो, आप लोग क्या चाहते हो मुझसे? मेरी बीवी-बच्चों और मेरे चाहने वालों से? ये चाहते हो कि कोई आए और मेरी कनपटी पर गोली चलाकर चला जाए। बस इतना ही तो रह गया है अब। अभी भी समय है। निजाम ए हिंद और कानून को बचा लो। आपको कुछ नहीं देना है। सिर्फ अपने आप को हौसला देना है। जहां रोके जाओ वहीं बैठ जाओ। कहो कि आगे बढ़ेंगे। वापस नहीं जाएंगे। वोट डालेंगे। ये हमारा पैदाइशी हक है। फिर सब फिर से ठीक हो जाएगा।’

आप को यह भी पसंद आ सकता है  आर0आर0सी0 केंद्र का जिलाधिकारी ने किया शुभारंभ

‘तो रामपुर खाली कर देंगे’

आजम ने स्पीच में अपने बेटे अब्दुल्ला का जिक्र करते हुए कहा कि एक शख्स जो नौजवानी की मंजिलें भी नहीं चढ़ सका। उसकी 2 बार विधायकी खत्म कर दी गई। मेरा और अब्दुल्ला का वोट देने का अधिकार भी खत्म हो गया। आसमान को गवाह करके दावा करता हूं, चुनौती देता हूं, 150 करोड़ के हिंदुस्तान से कोई आओ। ईमानदारी से रामपुर में चुनाव लड़ो। अगर वो चुनाव जीत गया, तो पूरा रामपुर खाली कर देंगे।

आजम खान के बदले तेवर

योगी सरकार के आने के बाद से सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व काबीना मंत्री आजम खान पर ऐक्शन तेज हो गया था। कई फाइलें खुलीं और आजम खान को जेल की हवा भी खानी पड़ी। विधानसभा चुनाव भी उन्होंने जेल से लड़ा और जीत दर्ज की। इससे पहले वह लोकसभा सांसद थे उन्होंने अपनी लोकसभा की सीट छोड़ दी। रामपुर में उपचुनाव हुए तो सपा को हार मिली और बीजेपी के प्रमोद लोधी वहां से सांसद बन गए। तब भी आजम खान ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया था कि उसने लोगों को वोट नहीं देने दिया।

इसी बीच साल 2019 के हेट स्पीच मामले में आजम के खिलाफ कोर्ट का फैसला आ गया। दो साल की सजा होने के बाद उनकी विधायकी भी चली गई। खाली सीट पर जब उपचुनाव हुए तो एक बार फिर आजम को झटका लगा। बीजेपी के आकाश सक्सेना चुनाव जीत गए जबकि आजम खान का उम्मीदवार हार गया। रामपुर के वोटर्स के सामने आजम खान ने कई भावुक अपीलें की थीं और अपने साथ हुए कथित जुल्मो-सितम का बदला लेने के लिए भी रामपुर के लोगों का आह्वान किया था। इस चुनाव में भी उन्होंने धांधली का आरोप लगाया था।

आप को यह भी पसंद आ सकता है  ये तो अंधविश्वास की इंतहाई पराकाष्ठा है कि सोते हुए 63 साल की बुजुर्ग को डायन बताकर सोते सोते दी खौफनाक मौत  

मुस्लिम वोट बैंक पर पकड़ हो रही कमजोर

इतना ही नहीं, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में उनके बेटे अब्दुल्ला पर जो मुकदमा चल रहा था, उस पर भी फैसला आ गया। कोर्ट ने अब्दुल्ला को भी सजा सुना दी, जिसके बाद उनकी भी विधायकी चली गई। रामपुर में आजम परिवार का कोई सदस्य सत्ता की किसी कुर्सी पर नहीं है। ऐसे में आजम खान का खीझना लाजमी है। दोनों ही चुनावों में सपा को मिली शिकस्त ने रामपुर में आजम खान की पकड़ के दावे को हिलाकर रख दिया। माना गया कि सपा में मुस्लिमों के बेजोड़ नेता माने जाने वाले आजम खान का प्रभाव मुस्लिम वोटर्स पर कम हो गया है।

अत्याचार दिखाने की कोशिश

आजम खान को समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव से भी खास सपोर्ट नहीं मिला। इसके अलावा योगी सरकार कानूनी डंडा लेकर लगातार उन पर हमलावर है। इस बीच अतीक अहमद हत्याकांड ने भी उनके मन में खौफ ला दिया है। यही कारण है कि रामपुर में उन्होंने रैली के दौरान कहा कि कोई उन पर अतीक की तरह हमला कर सकता है। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि वह अपने साथ हो रही इन कानूनी कार्रवाईयों को अत्याचार की तरह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।

आप को यह भी पसंद आ सकता है  21 लाख 53 हजार रूपये की ठगी का यह मामला कम चौंकाने वाला नहीं है

रामपुर की रैलियों में वह अपनी इन भावुक अपीलों से अपने वोटबैंक पर फिर से पकड़ पाना चाहते हैं, जो बीते चुनावों में उनके हाथ से फिसल गया सा लगता है। सिर्फ आजम खान ही नहीं, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी अपने पिता और खुद के साथ हो रही ‘ज्यादती’ को खासतौर पर रेखांकित कर रहे हैं। अब देखना है कि निकाय चुनाव और स्वार विधानसभा उपचुनाव में उन्हें इसका लाभ मिलता है या नहीं?

94 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की
Back to top button
Close
Close