Explore

Search
Close this search box.

Search

November 23, 2024 3:20 am

लेटेस्ट न्यूज़

फूहड़ गानों का मंच बना संकट मोचन संगीत समारोह ; पढ़िए संतों ने कहा क्या?

12 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

वाराणसी: संकट मोचन मंदिर के प्रांगण में होने वाला संगीत समारोह अपना सौ साल पूरा कर रहा है । 100 साल में प्रवेश करने पर एक नई परंपरा शुरू हुई है जिस पर विवाद हो रहा है। दरअसल इस बार संकट मोचन संगीत समारोह में बॉलीवुड के कई गायकों को बुलाया गया है। इनके साथ पंजाबी सिंगर जस्सी ने भी पहले दिन अपनी प्रस्तुति दी। जस्सी के गाए गाने ‘दिल ले गई कुड़ी गुजरात दी’ को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। बजरंग बली के दरबार में शास्त्रीय संगीत की परंपरा के अनुसार चलने समारोह में फिल्मी गानों की प्रस्तुति पर संतों ने सवाल उठाए हैं।

बॉलीवुड की थीं कविता कृष्णमूर्ति, इसलिए नहीं दी गई थी मंच पर जगह: स्वामी जितेंद्रानंद

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में कई बातें बताईं। उन्‍होंने कहा कि एक जमाने में महंत विशंभर नाथ मिश्र के पिता पंडित वीरभद्र मिश्र ने यह कहकर कविता कृष्णमूर्ति को मंच पर जगह नहीं दी थी। उन्‍होंने कहा था कि वह किसी शास्त्रीय घराने से ना होकर विशुद्ध बॉलीवुड सिंगर हैं। पंडित वीरभद्र मिश्र ने शास्त्री संगीत के माध्यम से संकट मोचन बजरंग संगीत के माध्यम से आराधना शुरू की थी। उन्‍होंने कहा कि पंडित वीरभद्र मिश्र के जाने के बाद पाकिस्तान से गुलाम अली को बुलाकर शराब पीने जैसे गजल गवाए गए। अब बॉलीवुड के गायकों के फूहड़ गानों से संकट मोचक के दरबार में सुर लहरी सजाई जा रही है। आयोजकों को इसे संज्ञान में लेकर तत्‍काल रोकना चाहिए। इस जगह पर गलत परंपरा नहीं शुरू करना चाहिए ।

जनता की मांग पर बुलाया पॉपुलर गायकों को: महंत विशंभर नाथ मिश्र

इस मुद्दे पर संकट मोचन मंदिर के महंत विशंभर नाथ मिश्र ने कहा कि शास्त्रीय संगीत की परंपरा सौ सालों से चली आ रही है। समय समय पर इसमें बदलाव होते रहते हैं। इस बार कई लोगों ने बॉलीवुड गायकों को बुलाने का आग्रह किया था। इसके अलावा कई बॉलीवुड सिंगर इस प्रतिष्ठित मंच से संकट मोचक बजरंग बली के दरबार में संगीतांजलि देना चाहते थे इसलिए इस बार ये बदलाव किया गया है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने नहीं दिया कोई बयान

इस मुद्दे पर जब एनबीटी ऑनलाइन ने ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया तो सफलता नहीं मिली। उनके पीआरओ संजय पांडे ने बताया कि स्वामी जी अभी छत्तीसगढ़ किसी धार्मिक अनुष्ठान में व्यस्त है। उनसे संपर्क कर के आपको सूचित करेंगे।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़