राकेश तिवारी की रिपोर्ट
गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में बिजली विभाग से जुड़े एक मामले ने सभी को हैरान कर दिया। विभाग के लिए काम करने वाली एक एजेंसी ने गोरखपुर जोन में 35 हजार घरों के बंद होने और ताला पड़े होने का दावा किया था। बिजली मीटर की रीडिंग करने और बिल तैयार करने वाली कंपनी कहा कि कर्मचारी मीटर रीडिंग करने गए तो 35 हजार घरों के बाहर ताला लटका पड़ा मिला और यही कारण है कि इन घरों की बिजली बिल नहीं निकाली जा सकी। लेकिन कुछ दिनों बाद जब हकीकत सामने आई तो सभी हैरान रह गए।
बिजली विभाग के अधिकारियों के सामने जब 35, 000 घरों के बंद होने का आंकड़ा रखा गया तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। जिसके बाद मामले की तह तक जाने के लिए पूर्वांचल बिजली वितरण निगम के एमडी ने जांच के आदेश दिए। जांच के बाद जब हकीकत सामने आई तो मामला कुछ और ही निकला।
विभाग द्वारा गठित की गई टीम जब इन घरों पर पहुंची तो घर बंद नहीं था और यहां लोग रह रहे थे। सारा गड़बड़झाला बिलिंग एजेंसी क्वैश क्रॉप का निकला। पावर कॉर्पोरेशन ने इस कंपनी को गोरखपुर जोन के 21.50 लाख उपभोक्ताओं का बिजली बिल जेनरेट करने की जिम्मेदारी थी। जब जांच टीम इन 35 हजार में से 5 हजार घरों तक पहुंची तो एजेंसी की धोखाधड़ी सामने आ गई। इन घरों पर जाने के बाद हकीकत यह सामने आई कि यहां 2 महीने से कोई मीटर रीडिंग करने के लिए पहुंचा ही नहीं था।
कंपनी की लापरवाही सामने आने के बाद विभाग ने उपभोक्ताओं की बिलिंग करवाई। 35 हजार में से लगभग 40-45 फीसदी लोगों की बिलिंग हो भी चुकी है। मीटर रीडिंग करने वाली एजेंसी के बारे में कई शिकायतें मिली हैं। विभाग ने 35 हजार घरों की बिलिंग नहीं करने का जिम्मेदार क्वैश क्रॉप को ठहराया है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."