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November 23, 2024 4:55 am

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आज़म खान की मुसीबत है कि कम होने का नाम नहीं ले रही, एक और पेंच फंस गया, पढ़िए क्या है मामला 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के ऊपर अपने विधायक बेटे अब्दुल्लाह आजम खान के दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र बनवाए जाने का मामला अदालत में चल रहा है। गत 3 दिन से अदालत में गवाही देने के लिए गवाह लगातार आ रहा है, लेकिन आजम खान के वकील दिन प्रतिदिन कोई बहाना बनाकर तारीख पे तारीख ले रहे हैं। ऐसे में आजम खान के वकीलों की ना नाकुर से नाराज जज साहब ने जिरह के लिए अगली तारीख 19 दिसंबर तय कर दी और साथ हीं आजम खान पर 5000 रुपए का हर्जाना लगाने का आदेश पारित कर दिया।

कोर्ट ने आजम खान पर लगाया 5 हजार रुपए का हर्जाना

जानकारी मुताबिक भाजपा नेता एवं शहर विधायक आकाश सक्सेना के वकील संदीप सक्सेना ने बताया देखिए आज अब्दुल्लाह आजम खान का जो मैटर था जन्म प्रमाण पत्र वाला, उसकी आज तारीख थी। पिछले 3 दिन से लगातार इसमें तारीख पड़ रही है और अदालत की तरफ से जो दिनेश गोयल गवाह है वह उपस्थित होते हैं। कल भी इन्होंने एक एडजॉडमेंट दी और आज भी इन्होंने एडजॉडमेंट दी कि हमारे जो वकील है उनकी तबीयत खराब है या उनके घर पर शादी है इसलिए वह उपस्थित नहीं हो सकते। इसके बाद बहस हुई कि उस प्रार्थना पत्र पर और अभियोजन की तरफ से एक विस्तृत आपत्ति लिखित में दी गई कि इन्होंने जो कारण बताया है अपने प्रार्थना पत्र में कि मैरिज है या तबीयत खराब है तो उसके समर्थन में कोई भी दस्तावेज इन्होंने नहीं क्योंं नहीं लगाए हैं।

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी

आपको बता दें कि अदालत में बहस हुई और बहस के बाद अदालत ने आदेश किया है कि उनकी प्रार्थना पत्र को 19 तारीख में सुनवाई में लगा दिया है और 5000 का हर्जाना आजम खान पर लगा है। लगाने की वजह यह है कि अदालत यह देखती है कि गवाह लगातार यहां आ रहा है और आप बिना किसी कारण की वजह से दिन व दिन तारीख लेते जा रहे हैं। इस बात को लेकर एक हर्जाना डाला जाता है कि मुलजिम को यह लगे कि हम गलत काम कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने आज 5000 हजार रुपए का हर्जाना आजम खान पर डाला है। यह उनका जन्म प्रमाण पत्र का मामला है जो 2 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र उन्होंने बनाए हैं उस मामले में रहा है। इसमें अब अगली तारीख 19 दिसंबर लग गई है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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