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मौसम

बारिश ; रुकने का नाम नहीं ले रही है और अब तक 27 मौतों की सबब भी बन चुकी है: किसानों का भयंकर नुकसान 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

यूपी में पिछले पांच दिनों से हो रही भारी बारिश से प्रदेश के लोगों के लिए आफत बनकर आई है। इसके चलते जनजीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गया है। बीते 24 घंटों में अलग-अलग जिलों में बारिश से हुए हादसों में 27 लोगों की मौत हो गई। पूरे राज्य खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश फिलहाल रुकने का नाम नहीं ले रही।

पिछले चौबीस घंटे के दौरान संभल में रिकार्ड 145.4 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विभाग के मुताबिक पहली से नौ अक्तूबर तक पूरे राज्य में सामान्य (15.4 मिलीमीटर) से भारी बारिश (92.3 मिलीमीटर) दर्ज की गई है। 

अभी चार-पांच दिन इसी तरह की बारिश होने का अनुमान है। भारी बारिश के कारण लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद और कानपुर समेत कई जिलों के 12वीं तक के स्कूलों में सोमवार को छुट्टी कर दी गई है। बरेली, आगरा और बुलंदशहर में 12 वीं तक के स्कूल-कालेज में सोमवार-मंगलवार और लखनऊ, हापुड़-बागपत में केवल सोमवार को अवकाश घोषित किया गया है। वहीं, मुजफ्फरनगर के स्पोर्ट्स स्टेडियम के मैदान में पानी भरने से मेरठ के मवाना तहसील की अग्निवीर सेना भर्ती रविवार को स्थगित कर दी गई।

बारिश के कारण उन्नाव में अलग-अलग घटनाओं में घर गिरने से एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई। कानपुर देहात में दो व इटावा और औरैया में एक-एक की जान चली गई। हरदोई में आकाशीय बिजली से दो किसानों की मौत हुई, जबकि एक झुलस गया। वहीं, बारिश के दौरान हुए हादसों में ब्रज मंडल और अलीगढ़ में चार-चार लोगों की मौत हो गई। यहां अगले तीन दिन तक आंधी-तूफान संग बारिश की संभावना जताई गई है। यहां यलो अलर्ट जारी किया गया है।

मथुरा में शनिवार शाम को तीन वर्षीय बालिका की जन्म तिथि मनाकर स्वजन स्कूटी से घर लौट रहे थे। सड़क पर भरे पानी में स्कीटी फिसल गई। बच्ची भी पानी में गिर गई। जब तक स्वजन सचेत होते, बच्ची बहती हुई यमुना में चली गई। मथुरा शहर में भूतेश्वर-श्रीकष्ण जन्मभूमि मार्ग के फुटपाथ पर लेटा एक व्यक्ति पानी में डूब गया। आगरा के बास रिसाल गांव में रविवार तड़के चार बजे बारिश से छत ढहने से मलबे में दबकर वृद्धा की मौत हो गई।

अलीगढ़ में 80 कच्चे- पक्के मकान ढहे

फिरोजाबाद के गांव गादलपुरा में दीवार के मलबे में दबने से वृद्धा की मौत हो गई। अलीगढ़ में पिछले 24 घंटों में 80 एमएम बरसात हुई है। इस दौरान 80 कच्चे- पक्के मकान ढह गए। इनमें दबकर बच्ची सहित चार लोगों की मौत हुई है। बरसात से शहर की सड़कें डूब गईं। पश्चिम उप्र के कई जिलों में दिनभर बरसात हुई। बुलंदशहर में मकान गिरने से अहमदगढ, नरौरा, औरंगाबाद क्षेत्र में कई मकान गिर गए। मलबे में दबकर दो की मौत हो गई।

बुलंदशहर में 12 मकान गिरने से एक किशोर और एक महिला की मौत हो गई। चार बच्चों समेत 14 लोग घायल हो गए। पीलीभीत, बदायूं और शाहजहांपुर में बिजली व दीवार गिरने से एक बच्चे समेत चार लोगों की जान चली गई। पीलीभीत में 72 घंटे से लगातार हो रही बारिश से बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। बिजली गिरने से संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर और सीतापुर में कुल चार की जान चली गई। 

नेशनल हाईवे पर आवागमन बंद

बलरामपुर में सिसई घाट पर राप्ती नदी खतरे के निशान 104.620 से ऊपर 105.920 सेंटीमीटर पर बह रही है। शहर से लेकर गांव तक पानी ही पानी नजर आ रहा है। 400 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। इसमें 150 गांव टापू बन गए हैं। एसडीआरएफ और पीएसी जवान रेस्क्यू में लगे हैं। यहां बाढ़ के कारण नेशनल हाईवे डूब गया है, जिससे आवागमन बंद हो गया है। बहराइच में घाघरा खतरे के निशान से 50 सेमी ऊपर बह रही है। 150 गांव पानी से घिरे हैं। गोंडा में बाढ़ व बारिश के पानी ने जिले के 96 गांवों में तबाही मचाई है। जलभराव होने से लोगों का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया है। 50 हजार आबादी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रभावित क्षेत्र में आवागमन के लिए 30 नाव लगाई गई हैं। श्रावस्ती में 150 से अधिक गांव की दो लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। फसल चौपट होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है।

इन जिलों में मूसलाधार बारिश 

संभल में पिछले तीस वर्षों में अक्तूबर में एक दिन में इतनी बारिश नहीं हुई। ऐसे ही एटा में 95 मिलीमीटर, बरेली में 93.5 मिलीमीटर, हाथरस में 85 मिलीमीटर, मुरादाबाद में 83.7 मिलीमीटर, अलीगढ़ में 80.2 मिलीमीटर, बदायूं में 88 मिलीमीटर, बुलंदशहर में 79.6 मिलीमीटर, लखीमपुर खीरी में 74.4 मिलीमीटर, रामपुर में 66.9 मिलीमीटर, मथुरा में 65.8 मिलीमीटर, फिरोजाबाद में 63 मिलीमीटर, कासगंज में 62.4 मिलीमीटर, शाहजहांपुर में 65.7 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। वहीं, राज्य के अन्य जिलों में 20 से 50 मिलीमीटर बरसात रिकार्ड की गई।

नदियों के उफनाने से बिगड़े हालात

दो दिनों में सात लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से घाघरा,सरयू और शारदा नदी के हालात बिगड़ गए। इससे सीतापुर में हजारों बीघे खेत जलमग्न हो गए। 30 गांवों में पानी भर गया है। वहीं, गोण्डा व बहराइच के 104-104 और बलरामपुर के 350 गांव जलमग्न हो गए। श्रावस्ती में राप्ती खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है। वहीं, नेपाल से छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी व झमाझम बारिश से बाराबंकी में सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यहां आसपास के 57 गांवों में पानी भर गया जिससे इन गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। 

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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