Explore

Search

November 3, 2024 1:06 am

शहर के हर गली चौक चौराहे पर घूम रही है दहशत…ग्रामीण क्षेत्रों में भी कम नहीं है खौफ

5 Views

नौशाद अली की रिपोर्ट 

बलरामपुर। शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में कुत्ता पालने की शौकीनों की संख्या बढ़ी है। पशुपालन विभाग अब तक इनके लिए दवा व टीके का कोई इंतजाम नहीं कर पाया है। 

शहर की विभिन्न गलियों में लोगों के लिए खतरा बने आवारा कुत्तों को रेबीज की वैक्सीन भी नहीं लगाई गई है, जिससे लोग उनके प्रकोप का शिकार हो रहे हैं। पशुपालन, वन विभाग व नगर पालिका की लापरवाही का आलम है कि शहर से लेकर गांव तक कितने कुत्ते व बंदर हैं, इसकी गणना भी विभाग अब तक नहीं कर पाया है।

रोडवेज के सामने राजकीय पशु चिकित्सालय में कुत्ते के शौकीनों को डागी के बीमार होने पर केवल परामर्श मिलता है। यहां चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी इलाज तो कर देते हैं, लेकिन दवाएं बाहर स्थित एक मेडिकल स्टोर से मंगानी पड़ती है। अचलापुर निवासी सुरेश श्रीवास्तव, टेढ़ी बाजार निवासी अंकुर चौहान ने बताया कि पशु चिकित्सालय में फार्मासिस्ट इंजेक्शन व दवाओं की पर्ची थमा देते हैं, जो निकट के निजी मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ती है। 

शहर में 400 से अधिक ने पाल रखा कुत्ता

कुत्ते, बिल्ली, खरगोश व बंदर समेत अन्य जानवरों की दवाएं बेचने वाले मेडिकल स्टोर के संचालक हरिकांत ने बताया कि शहर में 400 से अधिक ने कुत्ते व बिल्ली पाल रखी है, जो उनके यहां से दवाएं ले जाते हैं। शहर के राजकीय पशु चिकित्सालय में परामर्श मिल जाता है, लेकिन दवाएं शौकीनों को खुद खरीदनी पड़ती है।

एआरवी लगवाने को करनी पड़ती मशक्कत 

चिकित्सकों का मानना है कि एक सप्ताह के अंदर पीड़ित को एंटी रेबीज लग जाना चाहिए। जिला मेमोरियल समेत सभी सीएचसी में एआरवी पर्याप्त होने का दावा किया जा रहा है। फिर भी अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों से लोग जिला मुख्यालय ही इंजेक्शन लगवाने पहुंचते हैं। 

चिकित्साधिकारी डा. अजय पांडेय का कहना है कि मेमोरियल अस्पताल में एआरवी के लिए अलग काउंटर बना है। यहां आसानी से एआरवी मरीजों को मिल जाती है। रविवार को अवकाश होने पर अगले कार्य दिवस में एआरवी लगवा सकते हैं।

एआरवी उपलब्ध, कर्मियों की कमी: सीवीओ

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. आरबी सिंह ने बताया कि एंटी रेबीज का इंजेक्शन उपलब्ध है। डागी को लेकर जो अस्पताल आते हैं, उन्हें लगाया जा रहा है। कर्मियों की कमी के कारण आवारा कुत्तों को एआरवी नहीं लग पाई है। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."