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November 2, 2024 1:56 am

भगवान श्रीराम की तपोभूमि से विलुप्त होने की कगार पर रामलीला ; रामलीला के आयोजन के लिए नहीं है कोई रामलीला मैदान

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट 

चित्रकूट।  मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में हत्या, लूट, चोरी व बलात्कार जैसी घटनाओं का ग्राफ बड़ी तेजी से बढ़ रहा है जिधर देखो उधर इन घटनाओं के मामले सामने आ रहे हैं जिसको लेकर जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन का प्रयास तेजी से जारी है कि कोई ऐसी वारदातें सामने न आएं लेकिन इसके बावजूद भी घटनाओं का ग्राफ बड़ी तेजी से बढ़ रहा है वहीं भगवान श्रीराम की तपोभूमि से रामलीला गायब होती दिखाई दे रही है लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है l

चित्रकूट जिले का मुख्यालय चित्रकूट धाम कर्वी है जहां पर मुख्यालय के स्टेशन रोड़, शंकर बाज़ार व धुस मैदान में रामलीला का आयोजन किया जाता रहा है लेकिन कुछ वर्षों से रामलीला का महत्व कम होता दिखाई दे रहा है जहां पर रामलीला देखने वालों की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिल रही है जिसके कारण रामलीला विलुप्त होने की कगार पर खड़ी है l

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में रामलीला का आयोजन करवाने के लिए कोई मैदान नहीं है जहां पर सुचारू रूप से रामलीला कराई जा सके जिन जगहों पर रामलीला का आयोजन किया जाता है वहां पर भी कोई खास जगह नहीं है जिसके कारण आयोजकों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है l

सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के नाम पर राजनीति चमकाने वाले नेताओं द्वारा भी रामलीला मैदान के लिए मांग नहीं की जा रही है वहीं सामाजिक कार्यकर्ता भी रामलीला मैदान के लिए आवाज नहीं उठा रहे हैं l

अब देखना यह है कि सामाजिक कार्यकर्ता व आम जनता रामलीला मैदान के लिए आवाज उठाने का काम करेंगे व जिला प्रशासन विलुप्त हो रही रामलीला को बचाने के लिए रामलीला मैदान के लिए जगह उपलब्ध कराने का काम करेगा या फिर रामलीला का आस्तित्व ऐसे ही धीरे धीरे खत्म होने की कगार पर पहुंच जायेगा l

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."