सुहानी परिहार की रिपोर्ट
मुरैना। पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। हत्या का तरीका भी ऐसा कि पकड़ पाना मुश्किल था। उसने पति को नींद की गोलियां खिलाकर उसके कपड़े उतार दिए। इसके बाद नहर में जिंदा बहा दिया। सड़ा-गला शव मिलने पर पुलिस ने लावारिस मानकर इसे दफना दिया। इधर, आरोपी पत्नी ने अपनी बुजुर्ग सास को यह कह दिया कि बेटा दूर काम करने गया है। वह 22 महीने तक सास से प्रेमी की बात यह कहकर कराती रही कि उनके बेटे का फोन है।
राज तब खुला, जब आरोपी ने ननद से अपने प्रेमी को उसका भाई बताकर बात कराई। ननद पहचान गई कि ये आवाज उसके भाई की नहीं है। वह अपनी मां को लेकर सीधा थाने पहुंच गई और पुलिस को भाई के गुम होने की रिपोर्ट की। पुलिस ने जांच की तो आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी की सारी करतूत सामने आ गई।
घटना सिंहौनियां क्षेत्र के छत्त का पुरा गांव की है। विश्वनाथ सखवार, 80 साल की बुजुर्ग मां और पत्नी के साथ रहता था। विश्वनाथ की बहन वंदना पास ही पोरसा कस्बे में ब्याही थी। पत्नी के उसी के खेत में बटाई पर काम करने वाले अरविंद से अवैध संबंध हो गए थे। सास को दिखाई और सुनाई कम देता है। अरविंद उसके पति की गैरहाजिरी में उसके घर आता-जाता रहता था। बटाईदार होने की वजह से किसी को उस पर शक भी नहीं होता था। जब दोनों को लगा कि विश्वनाथ के रहते वे कभी एक नहीं हो सकते तो दोनों ने विश्वनाथ की हत्या करने की साजिश रची।
पत्नी और उसके प्रेमी को डर था कि जब विश्वनाथ गायब हो जाएगा तो लोग उसके बारे में पूछेंगे। इसके लिए उन्होंने साजिश रची कि उसको नींद की गोलियां खिलाकर सिकरौदा नहर में बहा देंगे। 23 नवंबर 2020 को पत्नी, विश्वनाथ को सामान खरीदने के बहाने बाजार ले गई। उसने विश्वनाथ को नींद की गोलियां खिला दीं। जब उसे नींद आ गई तो बेहोशी की हालत में प्रेमी के साथ मिलकर उसके सभी कपड़े निकालकर जिंदा ही नहर में बहा दिया। दूसरे दिन जब मां बेटे के बारे में पूछा तो पत्नी ने कहा, वो काम करने के लिए बाहर गए हैं। कुछ दिन बाद बताया कि उन्हें गुजरात में अच्छा काम मिल गया है, इसलिए वे गुजरात चले गए हैं।
22 महीने गुमराह किया
पति की हत्या के सात महीने बाद आरोपी पत्नी ने ससुराल छोड़ दिया। वह मुरैना शहर आकर किराए से कमरा लेकर प्रेमी अरविंद के साथ रहने लगी। जब वह गांव जाती तो बुजुर्ग सास बेटे के बारे में पूछती। इस पर वह अपने प्रेमी से उसका बेटा बताकर बात करा देती। आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी अरविंद ने विश्वनाथ सखवार को नहर में बहाने से पहले उसके मोबाइल से सिम निकाल ली थी। फिर मोबाइल सहित उसको नहर में बहा दिया था। जब मां से बात करनी होती तो वह विश्वनाथ की सिम को अपने मोबाइल में डाल लेता।
लावारिस समझ दफनाया
24 नवंबर 2020 को सरायछोला थाना पुलिस को सिकरौदा नहर में एक अज्ञात शव मिला। शव को मछलियां खा गईं थीं, इसलिए उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी। पहचान न होने पर पुलिस ने मर्ग कायम कर बॉडी को लावारिस मान दफना दिया था।
बहन ने पहचान ली आवाज
विश्वनाथ की बहन वंदना ने आरोपी भाभी से भाई का नंबर मांगा। बोली- उससे बात किए बहुत दिन हो गए हैं। वंदना ने जब बात की तो उसे शक हुआ कि ये आवाज भाई की नहीं है। इसके बाद वह मायके पहुंची। उसने अपनी मां से बात की। मां को लेकर सिंहौनियां थाना पहुंची और पुलिस को पूरी बात बताई। पुलिस ने तुरंत विश्वनाथ की पत्नी से पूछताछ की और उससे फोन पर बात कराने को कहा। जब पुलिस ने फोन किया तो अरविंद घबरा गया और उसने फोन काट दिया।
ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस ने जब उस सिम को साइबर सेल में पहुंचाया तो पता लगा कि वह सिम जिस फोन में डालकर चलाई जा रही है, वो अरविंद का मोबाइल है। मोबाइल के आईएमईआई नंबर से देखा तो अरविंद और विश्वनाथ दोनों की सिम एक ही मोबाइल से चलाई जा रही थी। इससे पुलिस का शक पक्का हो गया। पुलिस ने आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर जब कड़ाई से पूछताछ की तो दोनों टूट गए और अपना अपराध कबूल कर लिया।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."