google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
लखनऊ

सपा से हुआ तलाक, बसपा कांग्रेस में नहीं गली दाल, बड़ी मुश्किल में हैं अब किधर जाऊं…?

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

ज़ीशान मेहदी की रिपोर्ट 

लखनऊ । समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद बसपा और कांग्रेस के इन्कार के बाद ओम प्रकाश राजभर का अगला कदम क्या होगा ? इस पर लोग नजर गड़ाये हुए हैं। माना जा रहा है कि राजभर का अब अगला गठबंधन एक बार फिर से भाजपा से हो सकता है।

हालिया घटनाक्रम को देखते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की फिर से अपने पुराने सहयोगी दल भाजपा के साथ आने के कयास लगाये जाने लगे हैं। पिछली योगी सरकार में बगावती सुर अख्त्यिाकर करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा से अलग हुए थे। विधानसभा चुनाव 2022 ओम प्रकाश राजभर ने सपा के साथ मिलकर लड़ा था। हलांकि सपा के साथ सुभासपा का मोहभंग विधानसभा चुनाव संपन्न होने के कुछ ही महीने बाद हो गया।

राष्ट्रपति चुनाव में सुभासपा के विधायकों ने भाजपा समर्पित प्रत्याशी द्रोपदी मुर्मू को वोट किया। इसके बाद सपा की ओर चिठ्ठी जारी कर कहा गया कि ओमप्रकाश राजभर जहां चाहें जाने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके बाद ओम प्रकाश राजभर ने बसपा और फिर कांग्रेस की ओर रुख किया। बसपा के बाद कांग्रेस ने भी ओम प्रकाश राजभर से गठबंधन से इन्कार कर दिया है। इसके बाद अब ओम प्रकाश राजभर किसका दामन थामेंगे ? इस पर कयास लगाये जा रहे हैं।

पूर्वांचल में जातीय समीकरण भाजपा से गठबंधन का बनेगा आधार

सपा, बसपा, कांग्रेस के बाद उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ दल भाजपा ही उनके लिए मुफीद साबित हो सकती है। लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ओम प्रकाश राजभर को अपने साथ लेने में फायदा देख रहा है। पूर्वांचल के कुछ जिलों में जातीय आधार पर ओम प्रकाश राजभर की अच्छी खासी पकड़ मानी जा रही है। ऐसे में अगर ओम प्रकाश राजभर भाजपा के साथ आते हैं तो इसका फायदा दोनों को होगा। भाजपा के साथ-साथ ओम प्रकाश राजभर भी लाभ में रहेंगे। सुभासपा और भाजपा के बीच अंदरखाने क्या चल रहा है ? यह अभी कहना मुश्किल है लेकिन हाल के घटनाक्रम को देखते हुए यह अनुमान है कि सुभासपा का भाजपा के साथ गठबंधन हो सकता है।

बेटे को विधान परिषद भेजने की कोशिश

ओपी राजभर अपने बेटे को विधान परिषद भेजना चाह रहे हैं। कुछ जानकारों का तो मानना है कि राजभर के बेटे का एमएलसी नहीं बन पाना सपा से अलग होने का महत्वपूर्ण कारण है। दरअसल उत्तर प्रदेश विधान परिषद की रिक्त हुईं दो सीटों पर चुनाव होना है। इसके लिए अधिसूचना जारी हो गयी है। एक जुलाई को नामांकरन की अंतिम तिथि है। उसके पहले भाजपा दो एमएलसी उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी। एमएलसी प्रत्याशी चयन के लिए भाजपा कोर कमेटी की बैठक भी बुधवार को हो चुकी है। कयास यह लगाये जा रहे हैं कि भाजपा ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरबिन्द राजभर की किस्मत चमक सकती है। वह विधान परिषद भेजे जा सकते हैं।

भाजपा का पक्ष

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने मीडिया से कहा कि सपा, बसपा कांग्रेस की निर्णय प्रक्रिया क्या है, इसके बारे में मै कुछ नहीं कह सकता लेकिन भाजपा में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की सहमति के आधार पर ही पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कोई निर्णय करता है। चर्चाओं के आधार पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है। इस संबंध में जो भी निर्णय करना होगा पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करेगा।

88 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की
Back to top button
Close
Close