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12 April 2025 10:08 pm

‘पानी बीच बतासा संतों तन का यही तमाशा…कबीर प्राकट्य दिवस को यादगार बना दिया नाट्य संगीतमय प्रस्तुतियों ने

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

वाराणसी। अस्सी घाट पर मंगलवार शाम निर्गुण संगीत की प्रस्तुति हुई। संत कबीर दास के साखी व सबद की संगीतमय प्रस्तुति ने श्रोताओं को मोह लिया। संत कबीर के प्राकट्य दिवस के उपलक्ष्य में हो रहे तीन दिवसीय महोत्सव के पहले दिन भजन व नृत्य में कलाकारों ने प्रतिभा दिखाई।

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज और संत कबीर अकादमी, मगहर की ओर से कार्यक्रम का शुभारंभ संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य, विशेष सचिव (संस्कृति) आनंद कुमार, एडीएम (सिटी) गुलाब चंद्र और एसडीएम डॉ. ज्ञानप्रकाश यादव ने दीप जलाकर किया। 

यूपी पब्लिक स्कूल के बच्चों ने चैती गायन से कार्यक्रम का आगाज किया। निर्देशन ममता शर्मा ने किया। वहीं, धीरेंद्र मोहन और उनके दल ने बुध से कबीर तक के संदेश को कबीर बैंड के माध्यम से पेश किया। 

‘बंदगी’ में प्रशस्ति तिवारी व ग्रुप ने भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुति दी। इसके बाद छत्तीसगढ़ के कलाकार दिनेश जांगई और टीम ने ‘पंथी नृत्य’ से लोगों का दिल जीता। वाराणसी के विजय कपूर ने ‘पानी बीच बतासा संतों तन का यही तमाशा… सहित कई भजनों से संत के निर्गुण रूप को साकार किया।

तबले पर बलराम मिश्र, बांसुरी पर शानिष ज्ञावली व साइड रिदम पर धीरेंद्र ने संगत की। राजस्थान की गंगा देवी व टीम ने तेरहताली नृत्य पेश किया।

मौके पर क्षेत्रीय सांस्कृतिक अधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र यादव भी रहे। संचालन सौरभ चक्रवर्ती व धन्यवाद उत्तर मध्य क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने दिया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."