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प्रयागराज

चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद कैसे हो गया बवाल ? सबकी जुबां यह अनुत्तरित प्रश्न बुदबुदा रही हैं, अब तक के हालात, देखिए वीडियो ?

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

प्रयागराज। जुमे की नमाज के बाद जमकर बवाल हुआ। सुबह से ही चप्‍पे-चप्‍पे पर पुलिस, पीएसी और आरएएफ तैनात थी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी रूट मार्च कर रहे थे, लोगों को शांति व्‍यवस्‍था बनाए रखने की अपील की जा रही थी। एलआइयू भी लगी थी। इतना ही नहीं, इंटरनेट मीडिया पर भी पुलिस की पैनी नजर थी, फिर भी अचानक बवाल हो गया। चर्चा तो यहां तक है कि क्‍या इसके पीछे उपद्रवियों की गहरी साजिश थी।

इंटरनेट मीडिया पर शुक्रवार की दोपहर से लेकर देर रात तक अटाला में हुए बवाल को लेकर पोस्ट होती रही। इसका असर यह हुआ कि पलभर में जिले के साथ ही दूसरे जनपदों में रहने वाले लोगों को भी बवाल की जानकारी हो गई।

हालांकि, बवाल से पहले भी कई पोस्ट इंटरनेट मीडिया पर हुई। इन पोस्ट पर नजर रखने के लिए अधिकारियों ने साइबर सेल को पहले से ही सक्रिय कर रखा था। इसके लिए 72 पुलिसकर्मी लगाए गए थे। व्हाट्स एप, फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम आदि नेटवर्किंग साइट्स पर पैनी नजर रखने की बात कही गई थी। निर्देश दिया गया था कि भड़काऊ पोस्ट के बारे में तत्काल जानकारी दी जाए।

इसके पहले गुरुवार को एसएसपी अजय कुमार ने बताया था कि इंटरनेट मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले 46 लोगों की पहचान की गई थी। इनकी निगरानी के लिए 161 पुलिसकर्मियों को लगाया गया था। हालांकि, ये कौन लाेग थे, इस बारे में नहीं बताया गया था। इतनी सख्ती और निगरानी के बाद भी अटाला में बवाल हो गया।

 

अटाला इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। मुख्य सड़क के साथ ही गलियों में भी फोर्स ही फोर्स नजर आ रही है। लोग घरों में दुबके हैं। कई घरों के पुरुष भाग निकले हैं। सड़कें और गलियों में सन्नाटा पसरा है। दुकानें बंद हैं। एक तौर से अघोषित कर्फ्यू जैसा नजारा है।

बवाल के दौरान ईंट पत्थर लगने से आइजी डा. राकेश सिंह, आरएएफ के इंस्पेक्टर मनीष कुमार, सिपाही तन्मय, रघुनंदन, पीएसी का जवान देवेंद्र यादव, सिविल पुलिस का सिपाही सिद्धेश्वर पांडेय, इंस्पेक्टर एहतेशाम सिद्दीकी, एडीजी के हमराही विजय पाल समेत 18 लोग जख्मी हो गए थे। इसमें कुछ मीडियाकर्मी व राहगीर भी शामिल रहे। घायल आठ सुरक्षाकर्मियों को अस्पताल ले जाकर इलाज कराया गया।

प्रयागराज के मंडलायुक्‍त संजय गोयल ने कहा क‍ि उपद्रवियों से निपटने में पूरी सतर्कता बरती गई है। उन्हें दो सौ मीटर दायरे में रोके रखा गया। रातभर कार्यवाही की गई। गिरफ्तारी लगातार हो रही है। सबकी नामजदगी की जाएगी। सुसंगत धाराओं में कार्यवाही होगी। इसके पीछे फंडिंग किसकी है, उकसाने वालों में कौन-कौन लोग शामिल हैं। उसकी जांच करवाकर त्वरित कार्यवाही होगी। हम जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं, किसी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।

अटाला के उपद्रव में 200 लोगों पर मुकदमा

प्रयागराज पुलिस ने बवाल, पथराव, आगजनी करने के मामले में दो सौ लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा कायम किया है। उपद्रवियों की तलाश में पुलिस और एसओजी की अलग-अलग टीम ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। रात भर गिरफ्तारी का सिलसिला चलता रहा। सुबह तक 50 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी होने की जानकारी मिली है।

पुलिस का कहना है कि सबसे ज्यादा हिंसक प्रदर्शन खुल्दाबाद और करेली थाना क्षेत्र में हुआ था। ऐसे में करेली थाने में एक व खुल्दाबाद थाने में दो मुकदमे लिखे गए हैं। अभियुक्तों पर बवाल, आगजनी, तोड़फोड़, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने सहित अन्य धाराएं लगाई गई हैं। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आइट्रिपल सी) के कैमरों, मकान व दुकान पर लगे सीसीटीवी कैमरों के अलावा पुलिस-प्रशासन की ओर से बनाई गई वीडियो के जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। साथ ही फुटेज के आधार पर शाहगंज, कोतवाली, खुल्दाबाद, अतरसुइया, करेली, धूमनगंज व कुछ अन्य थाना क्षेत्र में रहने वाले उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी होती रही। आइजी डा. राकेश सिंह ने बताया कि दो थानों में तीन मुकदमे लिखे गए हैं। कमिश्नर संजय गोयल का कहना है कि रात करीब 11 बजे तक 40 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।

टोपियों और गमछों में छुपाकर लाए थे पत्थर

नमाज के बाद पुलिस के जवानों पर अचानक पत्थरबाजी की जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। इनकी कारस्तानी पुलिस समझ नहीं पाए इसके लिए पत्थरबाजी करने वाले लोग पत्थरों को टोपियों और गमछों में छिपाकर लाए थे। ज्यादातर पत्थरबाजों की उम्र 15 से 20 वर्ष रही। अटाला में जिस तरह से मस्जिद और गलियों में ईंट-पत्थर इकट्ठा किया गया था उससे साफ है कि तैयारी पहले से की गई थी।

नमाज अदा होने के बाद मस्जिद से बाहर आते ही दर्जनों लोगों ने नारेबाजी करते हुए पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पत्थरबाज अगल-अलग गलियों से निकलकर पुलिस पर पथराव कर रहे थे। पुलिस किस गली में पहुंच रही थी छतों पर खड़ी महिलाएं और पुरुष पत्थरबाजों को फोन से बता रहे थे। ज्यादातर पत्थरबाज गमछों और काला कपड़ों से अपने चेहरे ढके थे। पुलिस वालों का चकमा देने के लिए कुछ लोग टोपियों, गमछों, थैलों में लाकर पथराव कर रहे थे।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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