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November 2, 2024 9:10 pm

पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्राकृतिक संसाधनों को बनाएं सुरक्षित–शक्ति बठला

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राजेंद्र कुमार की रिपोर्ट

करनाल 5 जून। विश्व पर्यावरण दिवस’ को हर साल नए थीम के साथ मनाया जाता है. इस बार विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम है, ‘ओन्ली वन अर्थ’ मतलब ‘केवल एक पृथ्वी’ है और ये ग्रह हमारा एकमात्र घर है।

विश्व पर्यावरण दिवस के इस मौके पर आज पर्यावरण की सुरक्षा के लिए स्थानीय न्यू चार स्थित शिव मंदिर पार्क मे पौधरोपण किया गया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे मौजूद शक्ति बठला, खंड प्रचार प्रमुख, किच्छा खंड, रूद्रपुर,जिला उधम सिंह नगर, नैनीताल ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने करकमलों द्वारा पौधरोपण किया।

इस अवसर पर उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वह अपने आस-पास के प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित बनाए रखने के लिए कदम उठाए उन्होंने कहा कि वैसे तो हम सब का कर्तव्य है कि हम अपने पर्यावरण स्वच्छ बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे। आज लोग तरह-तरह की बिमारियों का शिकार हो रहे हैं, जिसका कारण जीवन शैली के साथ-साथ प्रदूषित होता हमारा पर्यावरण भी है। आज हमारे पास पर्याप्त मात्रा में ना पीने योग्य शुद्ध जल है और ना ही सांस लेने के लिए शुद्ध हवा है, उसके बाद भी हम पर्यावरण की सुरक्षा की तरफ एक भी सकारात्मक कदम नहीं उठा रहे हैं। इसका परिणाम भविष्य में बहुत ही घातक हो सकता है।

इस मौके पर उपस्थित पूर्व पार्षद एवं भाजपा जिला मीडिया प्रमुख डा अशोक कुमार ने भी पर्यावरण के महत्व के बारे जानकारी देते हुए कहा एक स्वच्छ पर्यावरण में एक स्वस्थ मनुष्य का विकास होता है। इसलिए अपने पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखना हमारी प्रथामिक जिम्मेदारी है। पर्यावरण का सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ता है, लेकिन दौड़ती भागती जिंदगी व आधुनिक जीवन शैली को अपनाकर हमने अपने पर्यावरण को खतरे में डाल दिया है। दुनिया को इन खतरों से अवगत कराने के लिए व लोगों से इसकी देखभाल करने का संदेश देने उद्देश्य से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित शक्ति बठला के अतिरिक्त भाजपा जिला मीडिया प्रमुख डा अशोक कुमार, अर्बन मंडल युवा मोर्चा मीडिया प्रभारी आकाश अरोड़ा, समाजसेवी प्रवीण शर्मा एवं करण अरोड़ा व अन्य कई मोजूद रहे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."