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28 December 2024 1:29 pm

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बच्चे को अपहर्ताओं ने सात दिन तक खाना नहीं दिया और फिरौती मिलने पर हत्या की बनाई थी योजना

29 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

गोरखपुर, व्यापारी के बेटे का अपहरण करने के बाद आरोपितों ने सहजनवां के शिवपुरी कालोनी में किराए के मकान में रखा था। जिसकी भनक किसी को नहीं लगी। यह मकान उन्होंने कपड़े के गोदाम के लिए छह माह पहले लिया था।फिराैती मिलने के बाद दोनों भाइयों ने व्यापारी पुत्र की हत्या करने का प्लान बनाया था। लेकिन एसटीएफ व बस्ती पुलिस ने उनकी योजना फेल कर दी।

सहजनवां थाना क्षेत्र के पाली के निवासी आरोपी सूरज व आदित्य दोनों सगे भाई हैं। सूरज बड़ा है और आदित्य छोटा है। सूरज सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है। वह एक पैर से दिव्यांग है। जबकि छोटा भाई आदित्य संतकबीरनगर के बरदहिया बाजार से कपड़े खरीद कर संतकबीरनगर, बस्ती, गोरखपुर में दुकानों पर सप्लाई करता था। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर कुछ दिन पहले दोनों ने कर्ज लिया था। जिसकी किस्त जमा नहीं कर पा रहे थे। आर्थिक तंगी से निकलने के लिए उन्होंने रुधौली के कपड़ा व्यापारी अशोक कसौधन के 13 साल के बेटे अखंड का अपहरण कर फिरौती मांगने की योजना बनाई।

टाफी खिलाने के बहाने बाइक पर बैठाकर साथ ले गए

अशोक की दुकान पर आदित्य करीब एक साल से कपड़े की सप्लाई करता था। दुकान पर आते-जाते वह अखंड से भी परिचत हो गया था। घटना के दिन टाफी खिलाने के बहाने दोनों भाई अखंड को बाइक पर बैठाकर साथ ले गए। कुछ दूर आगे खड़ी अपनी मारुति वैन में हाथ, मुंह बांधकर अपने साथ लेकर सहजनवां चले आए। तलाश में जुटी बस्ती व एसटीएफ पुलिस को पता चला कि अपहरणकर्ता अखंड काे हरी बाइक से ले गए थे। जिसके बाद पुलिस के साथ ही एसटीएफ की टीम हरी बाइक की तलाश में जुटी थी।

शनिवार की शाम को अपनी बाइक से दोनों भाई रुधौली जा रहे थे। जहां पहुंचने के बाद किसी से फोन मांगकर फिराैती के लिए अशोक को फोन करते। लेकिन संदेह के आधार पर बस्ती पुलिस ने पकड़ लिया ।पूछताछ में कुछ पता नहीं चला। जानकारी होने पर पहुंची गोरखपुर एसटीएफ ने छानबीन शुरू की तो पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठ गया।

सात दिन तक नहीं दिया खाना

किसी को संदेह न हो इसलिए सूरज और आदित्य ने बंधक बनाकर कमरे में रखे गए अखंड को सात दिन तक भोजन नहीं दिया। भूख लगने पर उसे बिस्किट व नमकीन और पानी देते थे।खाने के बाद मुंह पर टेप चिपका देते थे। भागने या शोर मचाने पर अपहृता जान से मारने की धमकी देते थे।

अपहर्ताओं ने फिरौती के लिए अशोक कसौधन के पास तीन बार फोन किया था। दो बार उन्होंने राहगीरों से मोबाइल मांगकर फोन किया। तीसरी बार पिकअप चालक का मोबाइल लूटकर फोन किया था। शुक्रवार की शाम को भी रुधौली के आसपास किसी का मोबाइल फोन छीनकर व्यापारी को फोन करने के लिए बस्ती गए थे। लेकिन संदेह के आधार पर पुलिस ने दबोच लिया।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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