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November 3, 2024 1:02 am

प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धापूर्वक याद किए गए डॉ. काशीनाथ मिश्र

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

देवरिया। जनपद के सलेमपुर का गौरव कहे जाने वाले विद्यालय जी.एम.एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पूर्व अध्यक्ष एवं बी आर डी बी डी पी जी कालेज आश्रम बरहज के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. काशीनाथ मिश्र को उनकी प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धा पूर्वक याद किया गया।

विद्यालय की प्रधानाचार्या डाॅ. संभावना मिश्रा ने डॉ. मिश्र की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित करते हुए जब अपने दोनों हाथ जोड़कर पुष्पांजलि अर्पित कीं, तो पूरे विद्यालय परिवार की आंखें अनायास ही भर गईं।

उप प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी ने डाॅ.मिश्र को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए बताया कि कपरवार घाट निवासी डॉ. काशीनाथ मिश्र बड़े ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे, जिनके प्रत्येक कार्य सुसंस्कार युक्त हुआ करते थे, जिनका छात्र छात्राओं के प्रति सदैव मधुरतम भाव रहा करता था। आज हमारे विद्यालय के अध्यक्ष डॉ. काशीनाथ मिश्र जी हमारे बीच सशरीर नहीं हैं, परंतु विद्यालय के हर कण कण के रूप में वह हमेशा हमारे बीच हैं, जिनका आशीष हम सभी को सदैव मिलता रहे। हम ऐसे महान विभूति को अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।

उनके परम शिष्य एवं जी एम एकेडमी में हिंदी शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे ज्ञानेंद्र मिश्र ने बताया कि डाॅ. मिश्र अपने शैक्षिक कर्म क्षेत्र के प्रति समर्पित, संस्कृत का संस्कार जिसके व्यक्तित्व का पहचान था और वही पहचान आने वाली भावी पीढ़ियों में समग्र रूप से बिखेरा जो न जाने किन किन रूपों में आज पुष्पित और पल्लवित हो रहा है। आश्रम बरहज की धरोहर स्वरूप संस्कृत विभाग में विभागाध्यक्ष के पद प्रतिष्ठित रहने के उपरांत भी सामान्य जन जन के हृदय में विराजमान रहे‌। संस्कृत ही जिसके जीवन का स्वर्णिम संस्कार था, जो आज हम सभी को एक संस्मरण के रूप में रह गया है।

अंग्रेजी शिक्षक के.एन. पांडेय , हिंदी शिक्षक धर्मेंद्र मिश्र, गणित अध्यापक सुनील गुप्ता आदि ने डॉ. मिश्र को शब्दों के माध्यम से अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

इस मौके पर विद्यालय के सभी अध्यापक, अध्यापिकाएं, छात्र एवं छात्राएं, अन्य कर्मचारी गण उपस्थित थे।

इसी क्रम में जी एम एकेडमी सुबा बाजार गोरखपुर में भी डाॅ. काशीनाथ मिश्र जी की प्रथम पुण्यतिथि को विनम्र श्रद्धांजलि देकर मनाया गया।

प्रबंधक डॉ. श्री प्रकाश मिश्र ने अपनी पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डाॅ. काशीनाथ मिश्र जैसे परम विद्वान, मार्गदर्शक, संस्कृत ही जिसका संसार, संस्कृति ही जिसकी धरोहर, ईमानदारी पूर्वक अपना कर्तव्य पालन जिसका नशा, सनातन धर्म ही जिसका सहारा, वह महान विभूति 21 अप्रैल 21 को हम सभी को सदैव के लिए छोड़कर चले गए, वह दिन याद आने पर आज भी मन अति व्याकुल हो उठता है, परंतु उनके द्वारा दिये गए संदेश, छोड़े गए कार्यों को पूरा कर लेने का संकल्प पुनः एक नयी ऊर्जा का परिसंचरण कर देती है। ऐसी महान विभूति को शत् शत् नमन।

प्रधानाचार्या राज श्री मिश्रा ने डॉ.मिश्र के कृतित्व का गुणगान किया तो सभी भाव विह्वल हो गये।

प्रशासक कैप्टन शैलेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि ऐसा महान पुरुष कभी कभी धरती पर आता है, हम डाॅ.मिश्र के साथ रहे, यह हमारा परम सौभाग्य है।

डाॅ. मिश्र की याद में विद्यालय कैंपस में वृक्षारोपण कार्य किया गया।इस मौके पर विद्यालय के सभी अध्यापक अध्यापिकाएं छात्र छात्राएं एवं समस्त कर्मचारी गण उपस्थित थे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."