दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
हरिद्वार के निर्वाणी अखाड़ा के प्रखर जी पर कानपुर निवासी दंपती ने बेटी से रेप का केस कानपुर में दर्ज कराया है। उनका कहना है कि कानपुर में आश्रम बनवाने और यहां कई आयोजनों के दौरान बेटी को झांसा देकर पहले उसे काम पर रखा। इसके बाद अपने आश्रम में बंधक बनाकर यौन उत्पीड़न भी कर रहे हैं। काफी समय से उनकी बेटी से संपर्क भी नहीं करने दिया जा रहा है। पीड़ित परिवार ने मामले में राज्य महिला आयोग की सदस्य से जांच की मांग की है।
हरिद्वार आश्रम पूछताछ करने जाएगी पुलिस
राज्य महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर सोमवार को रावतपुर क्रॉसिंग गोल चौराहा स्थित वन-स्टॉप सेंटर में सुनवाई कर रही थीं। इस दौरान गोविंद नगर निवासी एक महिला ने अपनी शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि देश के एक बड़े और जाने-माने संत के पास वह पति और बच्चों को छोड़कर जाती थी। वह 2017 से 2020 तक कानपुर में रहने के दौरान गंगा किनारे एक आश्रम और स्कूल बनवा रहे थे।
इसके साथ ही कई बड़े आयोजन भी किए थे। इस दौरान दंपती और उनकी बेटी की मुलाकात कानपुर में आयोजन कर रहे बड़े संत से हुई थी। बेंगलुरु से पढ़कर लौटी बेटी का टैलेंट देखकर काम के बहाने उसे आश्रम में बुलाना शुरू किया। इसके बाद उसे पूरी तरह से अपने प्रभाव में ले लिया और फिर अपने हरिद्वार स्थित आश्रम लेकर चले गए।
आश्रम से दुत्कार के भगाया जाता है माता-पिता को
महिला ने कहा- मैंने और मेरे पति ने कई बार बेटी से मिलने और उसे घर भेजने का आग्रह किया, लेकिन हर बार आश्रम के गेट से ही दुत्कार के भगा दिया गया। परिजनों ने आशंका जताई है कि उनकी बेटी को कुछ खिलाकर और ब्लैकमेल करके उसका शारीरिक शोषण किया जा रहा है। इसके चलते अब वह अपने माता-पिता को भी पहचान नहीं रही है।
इतना ही नहीं बेटी की जान को भी खतरा बताया है। मामले में पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। मामले की जांच के लिए पुलिस अब हरिद्वार के आश्रम में पूछताछ करने जाएगी।
संत पर गंभीर आरोप से सकते में हैं भक्त
युवती के परिजनों ने जिस संत पर आरोप लगाया है, वह कानपुर से जुड़े हुए हैं। कुछ साल पहले ही उन्होंने गंगा बैराज पर मंदिर, आश्रम और स्कूल का निर्माण शुरू कराया था। इस दौरान कई बार बड़े आयोजन भी किए। इसमें हजारों की भीड़ उमड़ी थी और शहर में उनके भारी संख्या में फॉलोअर हैं। युवती के आरोप लगाने के बाद से उनके भक्त भी सकते में हैं।
Author: samachar
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