अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
प्रयागराज, यूपी विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण के मतदान में अजब गजब दृश्य देखने को मिल रहे हैं। बड़ी बात यह रही कि जहां बहुत से लोग सब कुछ ठीक होने के बाद भी वोट डालने के लिए घर से नहीं निकलते वहीं अबकी तमाम ऐसे लोग बूथ पर दिखे जो घर में परिवारिक जन के निधन से गम का माहौल के बीच वोट देने पहुंचे। किसी की मां तो किसी का भाई गुजर गया था, लेकिन दाग देने के बाद भी परंपरा से हटकर वे वोट देने के लिए घर से निकलकर बूथ पर पहुंच गए। एक मतदाता ऐसे भी मिले जिनकी मां कुछ दिन पहले पोस्टल वोट देकर चल बसीं और उनकी अंत्येष्टि करने के बाद वह भी मां की इच्छा को देखते हुए मत देने आए थे।
मृत्यु से पहले मां ने कहा था…वोट देना बेहद जरूरी
लोकतंत्र के इस महापर्व पर एक एक वोट अमूल्य है। ऐसे में सभी लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे है जिनमें से कुछ ऐसे लोग भी जो जान-समझ रहे हैं कि आज सबसे जरूरी काम मतदान करना है। ऐसे जागरूक लोगों में शामिल हैं सिराथू विधानसभा के रामपुर धमावां के धनंजय सिंह जो दिन में एक हाथ में चाकू और दूसरे में लोटा थामे बूथ पर पहुंचे। उन्होंने वोट डालने के बाद जो बताया वह सुनकर लोग चकित रह गए। पता चला कि पांच रोज पहले 22 फरवरी को मृत्यु से पहले उनकी मां फूलकुंवारी ने 18 तारीख हो ही बैलेट पेपर के जरिए मतदान किया था। तब मां ने कहा था कि वोट देना सबसे जरूरी है, हम सरकार बनाते हैं। वोट देकर वह दुनिया से विदा हो गईं।
भाई की मौत का गम, लेकिन आवश्यक है मताधिकार भी
प्रतापगढ़ के रानीगंज सीट के स्वामी करपात्री जी इंटर कालेज स्थित पूरे गोलिया बूथ पर शमशेर सिंह भी हाथ में चाकू और लोटा लेकर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते उनके भाई का निधन हो गया था। उन्होंने ही दागर दिया है। घर से निकलने पर मनाही थी लेकिन मताधिकार का प्रयोग करना भी आवश्यक था।
Author: samachar
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