
जौनपुर के मुंगराबादशापुर थाना क्षेत्र से एक युवक की पुलिस द्वारा बेरहमी से पिटाई का वीडियो वायरल हुआ है। मामले में थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया है। जानें पूरी खबर।
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मुंगराबादशापुर से मानवाधिकारों को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में थाना प्रभारी विनोद कुमार एक युवक की बर्बरता से पिटाई करते नजर आ रहे हैं। जैसे ही यह वीडियो सार्वजनिक हुआ, पुलिस अधीक्षक ने तत्काल कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना मुंगराबादशापुर थाना क्षेत्र के हेमापुर तरहठी गांव की है। जानकारी के अनुसार, फारूक अहमद के परिवार में किसी पारिवारिक मुद्दे को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद दूसरे पक्ष ने थाने में शिकायत दर्ज कराई और तौफीक नामक युवक पर मारपीट व गाली-गलौज के आरोप लगाए।
पीड़ित तौफीक का आरोप
तौफीक का कहना है कि पुलिस ने बिना उसकी बात सुने ही उसे घर से उठा लिया और सीधे थाने ले जाकर खंभे से बांध दिया। उसके बाद दो लोगों की मदद से उसे बेरहमी से पीटा गया। पीड़ित के मुताबिक, आधे घंटे की लगातार पिटाई के बाद वह बेहोश हो गया। जब वह होश में आया, तो उसे दोबारा पीटा गया। थानाध्यक्ष ने लकड़ी और प्लास्टिक की कुर्सियों से उसकी पिटाई की, जिससे उसके शरीर पर गंभीर चोटें आईं।
भ्रष्टाचार का भी आरोप
इतना ही नहीं, तौफीक ने यह भी आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष ने शिकायतकर्ता पक्ष से 26 हजार रुपये लिए थे और बिना किसी निष्पक्ष जांच के उसे प्रताड़ित किया। यह मामला पुलिस की निष्पक्षता और संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
वीडियो वायरल होते ही हुई कार्रवाई
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों में आक्रोश फैल गया। एक यूजर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “न्याय देने वाले खुद को कानून समझ बैठे हैं।” इसके अलावा कई लोगों ने इस घटना की निंदा करते हुए पुलिस सुधार की मांग की है।
यह घटना न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कानून के रक्षक अगर खुद ही कानून तोड़ने लगें, तो आम जनता का भरोसा टूटता है। प्रशासन द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई एक सकारात्मक संकेत जरूर है, लेकिन यह भी ज़रूरी है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।