अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक दलित दंपती ने सरकारी जमीन पर कब्जे की मांग को लेकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। मामला सलेमपुर तहसील के पतलापुर (चंदहा) गांव का है, जहां मंगलवार को दंपती ने घर के पास एक गहरा गड्ढा खोदकर उसमें बैठते हुए खुद को गले तक मिट्टी में दबा लिया, ताकि वे भू-समाधि ले सकें।
लगातार गुहार, फिर भी नहीं मिली सुनवाई
दंपती में शामिल गुच्ची देवी का आरोप है कि वे जिस जमीन पर वर्षों से काबिज हैं, वहां से उन्हें जबरन बेदखल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। अंततः परेशान होकर उन्होंने पति रामनरेश के साथ आत्मदाह की जगह भू-समाधि का रास्ता चुना।
सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे अफसर
जैसे ही इस घटना की सूचना प्रशासन तक पहुँची, राजस्व विभाग की टीम और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुँचे और दंपती को गड्ढे से बाहर निकाला। अधिकारियों ने उन्हें समझाया कि यह जमीन सरकारी है और उस पर कब्जा नहीं किया जा सकता।
एसडीएम ने दी स्पष्ट जानकारी
इस पूरे प्रकरण पर सलेमपुर की एसडीएम दिशा श्रीवास्तव ने कहा कि जिस भूमि (गाटा संख्या 28) को लेकर दंपती विवाद कर रहे हैं, वह नवीन परती की सरकारी भूमि है। उन्होंने कहा, “दंपती को समझाया गया है कि वे इस भूमि के लिए पात्र नहीं हैं, क्योंकि उनके पास पहले से ही निजी जमीन और मकान मौजूद है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गांव में शांति व्यवस्था बनी हुई है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।
यह मामला न सिर्फ ग्रामीणों की जमीन से जुड़ी असुरक्षा की भावना को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि प्रशासन और जनता के बीच संवाद की कमी किस तरह गंभीर कदम उठाने पर मजबूर कर सकती है। अब देखना होगा कि इस मामले में सरकार की अगली कार्रवाई क्या होती है।