जांच के घेरे में गोंडा की ग्राम पंचायतें – मनरेगा में करोड़ों की गड़बड़ी का खुलासा संभव

81 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

गोंडा। ग्राम विकास की रीढ़ माने जाने वाले मनरेगा के अंतर्गत गोंडा जिले में कराए गए कार्य अब प्रशासन की पैनी नजर में हैं। जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देश पर जिले भर में सघन निरीक्षण और भौतिक सत्यापन अभियान की शुरुआत कर दी गई है। इस कार्रवाई का उद्देश्य है – कार्यों की गुणवत्ता, पारदर्शिता और ग्रामीण जनविश्वास को सुनिश्चित करना।

1046 कार्यों की होगी बारीकी से जांच

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 160 ग्राम पंचायतों में संपन्न 1046 कार्यों का चयन किया गया है। खास बात यह है कि इनमें से प्रत्येक कार्य में 11.85 लाख रुपये या उससे अधिक की सामग्री व्यय की गई है। अब इन कार्यों की सत्यता और गुणवत्ता को कसौटी पर परखा जाएगा।

जांच की कमान वरिष्ठ अधिकारियों के हाथ

हर विकासखंड में जांच की जिम्मेदारी जिला स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी गई है। इनमें शामिल हैं –

जिला पूर्ति अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, परियोजना निदेशक (डीआरडीए), जिला विद्यालय निरीक्षक, उप निदेशक (कृषि) अधिशासी अभियंता (जल निगम, लघु सिंचाई, लोक निर्माण विभाग) इसके साथ ही तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भी जांच में सहयोग करेगी।

7 दिन की डेडलाइन – रिपोर्ट जल्द सौंपनी होगी

जिलाधिकारी ने सभी नामित अधिकारियों को 7 दिन के भीतर स्थलीय सत्यापन कर जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट के बाद यदि किसी कार्यदायी संस्था या अधिकारी की लापरवाही या अनियमितता सामने आती है, तो कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

DM ने कहा – “मनरेगा में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं”

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा –

“मनरेगा जैसी जनहितकारी योजना में किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।”

हमसे जुड़े रहें गोंडा के विकास और सुशासन से जुड़ी एक्सक्लूसिव अपडेट्स के लिए। ऐसी ही और प्रभावशाली खबरों के लिए हमें फॉलो करें – www.samachardarpan24.com

samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

Leave a comment