पिछले पांच वर्षों में आजमगढ़ मंडल (जिसमें आजमगढ़, मऊ और बलिया जिले शामिल हैं) ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं, केंद्र सरकार की पहल और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों ने इस क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
शैक्षिक अवसंरचना का विकास
आजमगढ़ में समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय का निर्माण कार्य 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया, जिससे विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को समुचित शिक्षा मिल सके। साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीब छात्रों के लिए आवासीय छात्रावासों का निर्माण भी किया गया है ताकि उन्हें उच्च शिक्षा के लिए बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
डिजिटल और समावेशी शिक्षा की पहल
अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए आधुनिक पाठ्यक्रम पर आधारित मोबाइल ऐप विकसित किए गए हैं, जिससे मदरसों में पढ़ने वाले छात्र भी डिजिटल शिक्षा से जुड़ सके हैं। डॉ. शंवतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय परिसर में ब्रेल प्रेस की स्थापना की जा रही है, जिससे दिव्यांग छात्रों को उच्च शिक्षा की पुस्तकें ब्रेल लिपि में मिल सकें।
उच्च शिक्षा में विस्तार
आजमगढ़ में एक नए विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है, जिससे स्थानीय युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए अन्य शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। इससे उच्च शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता दोनों में सुधार हुआ है।
सामाजिक-आर्थिक विकास और शिक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजमगढ़ में ₹34,000 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिसमें शिक्षा से जुड़ी परियोजनाएं भी शामिल हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य शिक्षा के साथ-साथ समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास को गति देना है।
आजमगढ़ मंडल ने शिक्षा के क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों में मजबूत और सतत प्रगति की है। शैक्षिक ढांचे का विस्तार, डिजिटल समावेशन, उच्च शिक्षा में सुधार और विशेष वर्गों के लिए सुविधाएं – ये सब शिक्षा को अधिक समावेशी और सुलभ बना रहे हैं।
हालांकि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में अब भी सुधार की गुंजाइश है, लेकिन दिशा सकारात्मक है।
➡️जगदंबा उपाध्याय की खास रिपोर्ट